चंडीगढ़ में पंजाब के मरीजों का आयुष्मान योजना के तहत इलाज बंद कर दिया गया है। इसका मुख्य कारण पंजाब सरकार द्वारा चंडीगढ़ में इलाज कराने वाले अपने मरीजों के इलाज के खर्च का भुगतान न करना है। भुगतान न मिलने से सबसे पहले जीएमसीएच 32 ने इलाज बंद किया था। अब पीजीआई ने इलाज करने से मना कर दिया है। पीजीआई में भी पिछले दो दिनों से पंजाब के एक भी मरीज को भर्ती नहीं किया गया है।
हालांकि पीजीआई प्रशासन ने अभी इस संदर्भ में कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया है। फिर भी अधिकारियों के मौखिक आदेश का पालन किया जा रहा है। इमरजेंसी व अन्य यूनिटों में पंजाब के एक भी मरीज को भर्ती कर इलाज नहीं दिया जा रहा है। इससे सबसे ज्यादा परेशानी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को हो रही है। बुधवार को पीजीआई में पंजाब से कीमो कराने आए दर्जनों मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ा। उधर, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आयुष्मान भारत का समझौता पिछली सरकार ने दिसंबर में रद्द कर दिया था लेकिन हम इसे ट्रस्ट बोर्ड पर चला रहे हैं। योजना चल रही है, जारी रहेगी। इलाज से इनकार करने वाले किसी भी अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
जो भर्ती हैं, उनका इलाज है जारी
पीजीआई में पंजाब के किसी भी नए मरीज को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत भर्ती नहीं किया जा रहा है लेकिन जो मरीज पहले से यहां भर्ती हैं उनका इलाज जारी रखा गया है। मौजूदा समय में पीजीआई के कार्डियक सेंटर, एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर, नेहरू अस्पताल, एडवांस आई सेंटर, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, एडवांस आई सेंटर, ऑन्कोलॉजी विभाग में पंजाब के 50 से ज्यादा मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।