जालंधर (पवन कुमार)-टैगोर अस्पताल की तरफ से आर.टी. -पी.सी.आर. कोविड टैस्ट के लिए 90 से अधिक मरीज़ों से गलती से 150 रुपए अधिक लिए गए थे, जो कि डिप्टी कमिश्नर के दख़ल के बाद मरीज़ों को वापस किये जा रहे हैं। इसके इलावा अस्पताल प्रबंधन की तरफ से ज़िला प्रशासन को अलग -अलग सेवाओं के लिए फीस वसूलने सम्बन्धित राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दिशा -निर्देशों की सख्ती से पालना करने का भरोसा भी दिलाया गया है। डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी को एक व्यक्ति द्वारा शिकायत मिली कि टैगोर अस्पताल की तरफ से कोविड -19 टैस्ट के लिए 900 रुपए लिए गए हैं ,जबकि राज्य सरकार की तरफ से टैस्ट के लिए 450 रुपए तय किये गए हैं, सम्बन्धित जांच के आदेश दिए गए थे। शिकायत मिलने के बाद डिप्टी कमिश्नर की तरफ से पब्लिक गरीवएस अधिकारी रणदीप सिंह गिल को जांच सौंपी गई, जिनकी तरफ से मैनेजमेंट को आगे की जांच के लिए तलब किया गया था।
श्री थोरी ने कहा कि पड़ताल दौरान यह सामने आया कि अस्पताल की तरफ से टैस्टों के लिए सैंपल एकत्रित करने के खर्च सहित मरीज़ों से गलती के साथ 600 से 900 रुपए लिए गए हैं, जो उनकी तरफ से 20 अप्रैल, 2021 के बाद आर.टी. -पी.सी.आर. टैस्ट करवाने वाले सभी मरीज़ों को वापस करने का भरोसा दिया गया है। डिप्टी कमिश्नर ने यह भी कहा कि इस समय दौरान 90 से अधिक मरीज़ों की तरफ से टैस्ट के लिए 600 रुपए का भुगतान किया गया, जिनको अधिक वसूल की राशि वापस कर दी जायेगी। उन्होनें बताया कि प्रशासन की तरफ से अस्पताल प्रबंधन को आर.टी. -पी.सी.आर. टैस्ट और अन्य कोविड -19 के साथ सम्बन्धित सेवाओं सम्बन्धित सरकारी रेट प्रदर्शित करने के लिए भी कहा गया है, जिससे लोग सरकारी रेट के बारे में जागरूक हो सकें।
एक अन्य मामलें में ज़िला प्रशासन की तरफ से एक प्राईवेट लैब मैस.अतुल्या लैबज़ ख़िलाफ़ कानूनी कार्यवाही करने के लिए पुलिस आधिकारियों को पत्र लिखा है, जो कि प्रशासन की पड़ताल दौरान आर.टी. -पी.सी.आर. टैस्टों में अधिक वसूली करते पाए गए है। लैब विरुद्ध जांच पब्लिक गरीवऐंस अधिकारी श्री रणदीप सिंह गिल की तरफ से गई है, जिन्होंने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट में कहा है कि लैब की तरफ से राज्य सरकार द्वारा कोविड -19 टैस्टों के लिए तय किए 450 रुपए फीस की अपेक्षा अधिक राशि वसूल की जा रही थी। श्री गिल्ल ने आगे कहा कि निरीक्षण दौरान लैब में कुछ और कमिया भी पाई गई, जिनमें टीकाकरण के लिए कोई अलग कमरा न होना और बायो -मैडीकल अवशेष के निपटारे के लिए ढांचे की कमी शामिल है।
डिप्टी कमिश्नर ने यह भी बताया है कि इस लैब में अधिक फीस वसूलने के दूसरे मामले को ध्यान में रखते हुए ज़िला प्रशासन लोक हित में लैब के कुलैकशन सैंटर की मान्यता को रद्द करन के लिए समर्थ अथारिटी को लिखने जा रहा है। डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने कोविड -19 के साथ सम्बन्धित सेवाएं राज्य सरकार की तरफ से निर्धारित रेटों पर यकीनी बनाने की अपनी वचनबद्धता को दोहराते हुए कहा कि अधिक फीस वसूलने सम्बन्धित किसी भी प्रकार की शिकायत के साथ सख़्ती से निपटा जायेगा।