चंडीगढ़ | देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग धर्म-जाति के लोग रहते हैं, जिसके चलते उनके रीति रिवाज भी अलग-अलग होते हैं। इसके अलावा वहां के लोगों की मान्यताएं भी अलग-अलग होती है। इसी कड़ी में मोहाली जैसे विकसित शहर में भी एक ऐसा गांव है, जहां गांव के किसी भी घर पर ऊपरी मंजिल ही नहीं बनाई गई है। यह गांव शहर से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
पंजाब के मोहाली जिले में आने वाले गांव जयंती माजरी की ऐसी मान्यता है कि अगर कोई घर के ऊपर पहली मंजिल बनाएगा तो उस घर को नुकसान होगा। इस गांव में बने हर घर को नींव से उठाकर दीवारों के साथ छत तक बनाया जाता है। छत के ऊपर निर्माण वर्जित है। लोगों का मानना है कि गांव के साथ लगती पहाड़ी पर मां जयंती देवी का मंदिर है। माता के अनुसार गांव में कोई भी घर मेरे मंदिर से ऊंचा नहीं बन सकता, यदि घर की छत पर कोई निर्माण कार्य होता है तो वह घर गिर जाएगा और ऐसा होता भी है। इसलिए इस गांव में आज भी लोग गांव में घर को ग्राउंड फ्लोर तक ही बनाते हैं।
वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि गांव में पानी की गहराई आठ से दस फीट की है। भूगौलिक साइंस के मुताबिक घर का निर्माण करने के लिए चार से आठ फीट गहरी नींव होनी अनिवार्य है। यदि नींव के नीचे की धरातल मजबूत न हाे तो दूसरी मंजिल नहीं बनाई जा सकती है। जमीन में यदि मजबूत पत्थर या फिर मिट्टी की परत न होने के बयाज पानी हो तो वह मकान का ज्यादा भार सहन नहीं कर सकता और घर धराशायी हो सकता है, हालांकि इस तथ्य पर स्थानीय स्तर के किसी भूवैज्ञानी ने काम नहीं किया है।