मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने गृह इलाके को आप की सियासी राजधानी बताते हैं। ऐसे में सिमरनजीत सिंह के संगरूर का नया ‘मान’ बनने के साथ आप के हाथ से राजधानी निकल गई है।
संगरूर इलाके के जरिए राष्ट्रीय राजनीति में खुद को स्थापित करने के सपने पाल रही आम आदमी पार्टी के लिए अपने ही गढ़ के लोकसभा उपचुनाव में मिली हार किसी बड़े झटके से कम नहीं है। तीन माह पहले इसी आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान इतिहास रचा था और सभी नौ विधानसभा सीटें साठ फीसदी से ज्यादा वोट हासिल करके जीतीं थीं। एक ही झटके में आप की सियासी पकड़ ढीली पड़ गई और आप का सियासी किला ध्वस्त हो गया।
मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने गृह इलाके को आप की सियासी राजधानी बताते हैं। ऐसे में सिमरनजीत सिंह के संगरूर का नया ‘मान’ बनने के साथ आप के हाथ से राजधानी निकल गई है। उनके गृह क्षेत्र के लोगों ने इस फैसले के साथ आप सरकार की तीन माह की कारगुजारी को कटघरे में खड़ा कर दिया है।