जालंधर (ब्यूरो): नॉर्थ विधानसभा हलके में बने शहीद भगत सिंह चौक में स्थापित शहीद ए आजम भगत सिंह की नई प्रतिमा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस विवाद के दो कारण हैं। एक तो लॉकडाऊन में लोगों के गुस्से का शिकार हो रही कांग्रेस सरकार को फिर से चर्चा में आने का मौका मिलना और दूसरा विपक्षी पार्टी भाजपा के पूर्व विधायक के हाथ विधायक बावा हैनरी के खिलाफ ज्वलंत मुद्दा लगना। चलिए हमें क्या सियासतदानों ने सियासत करनी है वो चाहे शहादत पर हो या शहीदों के बुत पर, खबरनवीसों ने तो खबर लिखनी है वो लिखते रहेंगे। चलिए हम अपनी खबर शुरू करते हैं:
जानकारी के अनुसार भगत सिंह चौक में बहुत साल पहले पोपली स्वीट्स नामक दुकान होती थी। अब वो दुकान एक खाली प्लाट बन चुकी है, उसी के सामने यह बुत लगा है। पहले यहां कांस्य की प्रतिमा थी लेकिन लॉकडाऊन में राजनीतिक गतिविधियों की संख्या घटने के कारण इस बार राजनीतिक दलों को शहीद ए आजम भगत सिंह के शहीदी दिवस पर अपने अपने ठिकानों से बाहर आने का मौका मिल गया। लगे हाथ नया चौक और नई प्रतिमा लगा दी गई। वैसे दिक्कत पुरानी प्रतिमा में भी नहीं थी लेकिन शायद रेलवे रोड का निर्माण हो रहा था तो शायद नई सड़क नया चौक कांग्रेसियों को बल्ले बल्ले करवाने के काम आ सकता है। चलिए जो भी है चौक का सौंदर्यीकरण हुआ नई प्रतिमा लगी, सैल्यूट हुए, तस्वीरें खिंचवाई गईं। हर तस्वीर में भगत सिंह का हाथ बायां हाथ उठाया हुआ दिख रहा है। भाजपा के पूर्व विधायक केडी भंडारी ने इस पर भी सवाल उठाया है और कहा कि ये बुत भगत सिंह का लगता ही नहीं। हमने इस बुत को लेकर सीएमओ में शिकायत करके इंक्वायरी मार्क करवाई है। दरअसल इस मुद्दे को वरिष्ठ नेता मनोरंजन कालिया ने जोर शोर से उठाया हुआ है। वहीं विधायक बावा हैनरी का कहना है कि इस बारे में नगर निगम और मेयर जवाब देंगे।
इन सवालों के जवाब बाकी
-बुत बनाने में अगर निगम की अहम भूमिका थी तो फिर निगम कमिश्नर या मेयर ने जनता को क्यों नहीं समर्पित किया इसे? विधायक जी क्यों आए?
-अगर चौक के सौंदर्यीकरण और नए बुत के नाम पर कथित रूप से लाखों रुपए खर्च किए गए तो क्या इतने पैसों से काम पूरा हो गया?
-क्या बुत को संगमरमर से बनाया गया या प्लास्टरोन से? प्लास्टरोन वह मैटीरियल होता है जिसकी बनी मूर्तियां सड़क किनारे बिकती हैं?
-भगत सिंह की पुरानी प्रतिमा जो यहां लगी थी वे कहां है?
-क्या कांग्रेस सरकार को नई रेलवे रोड पर पुरान चौक अच्छा नहीं लग रहा था?
-भगत सिंह की प्रतिमा का बायां हाथ उठाना सही या गलत?
-क्या एक सैल्यूट और तस्वीर छपवाने से नेता जी की ड्यूटी पूरी होती है?
-जिस पार्षद ने तस्वीरों में चर्चा बटोरी उस महिला पार्षद की कितनी जवाबदेही?
-चौक में लगे पत्थर पर विधायक बावा हैनरी और मेयर जगदीश राज राजा का नाम है तो जवाबदेही अकेले मेयर की कैसे?
-क्रैडिट लेने के लिए उद्घाटन के नाम पर दो दो जगह पत्थर व स्टील की प्लेट लगाने का क्या मतलब?
-ऐसा दावा है कि इस चौक पर निगम की तरफ से 10 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। इसमें 5 लाख शहीद भगत सिंह की प्रतिमा और 5 लाख फाउंडेशन व चौक की सुंदरता पर खर्चे गए हैं।