लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट मामले (Ludhiana Court Blast) की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अपने हाथ में ले ली है. केंद्रीय एजेंसी ने गुरुवार को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपों के साथ प्राथमिकी दर्ज की. सूत्रों के मुताबिक मामला एनआईए को इसलिए ट्रांसफर कर दिया गया है क्योंकि इसके तार खालिस्तान समर्थक से जुड़े हैं. मामले में मदद के लिए संबंधित देशों से संपर्क किया जाएगा. कहा जा रहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो मामले की जांच के लिए टीमें विदेश भी जाएंगी.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक एनआईए की टीमें पहले दिन से ही विस्फोट स्थल से सबूत जुटा रही हैं और पंजाब पुलिस के साथ मिलकर मामले की जांच कर रही हैं. लुधियाना जिला अदालत परिसर में एक वॉशरूम के अंदर पिछले हफ्ते के विस्फोट की एक फोरेंसिक जांच में प्लास्टिक कंटेनर के अंदर पैक किए गए लगभग 1.5 किलोग्राम आरडीएक्स के इस्तेमाल के सबूत मिले थे.
पंजाब पुलिस का बर्खास्त कर्मचारी गगनदीप सिंह 23 दिसंबर को हुए विस्फोट में मारा गया था. घटना में छह अन्य लोग घायल हो गए थे. पुलिस के मुताबिक गगनदीप अदालत परिसर स्थित प्रसाधन कक्ष में बम जोड़ने गया था ताकि उसे कहीं लगा सके. गगनदीप को 2019 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था और मादक पदार्थ से जुड़े एक मामले में उसने दो वर्ष लुधियाना की जेल में बिताए थे.
पिछले दिनोॆ जर्मनी के अधिकारियों ने भारत से मिली खुफिया सूचना के आधार पर सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से कथित रूप से संबंध रखने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. लुधियाना में हाल में हुए बम विस्फोट के पीछे एसजेएफ का हाथ होने का संदेह है. जसविंदर सिंह मुल्तानी के रूप में पहचाने गए व्यक्ति को खुफिया जानकारी साझा किये जाने के बाद जर्मनी के एक शहर में हिरासत में लिया गया है.