जालंधर(PMN): नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने बीते दिन जालंधर की रबड़ फैक्ट्री से 47 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाने को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को बधाई दी है। सत्यार्थी ने ट्वीट करके पंजाब को बालश्रम मुक्त कराने के अभियान में पूरे सहयोग का भरोसा भी दिया है। उन्होंने लिखा है कि पंजाब को बालतस्करी व बालश्रम से मुक्त बनाने के लिए उनकी तरफ से हर सम्भव सहयोग दिया जाएगा।
दरअसल, जालंधर में गुरुवार को पुलिस द्वारा एक फैक्ट्री से 47 बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया था। इन सभी की उम्र आठ से 12 साल के बीच है। इनमें 13 लड़कियां हैं, वहीं ज्यादातर बच्चे उत्तर प्रदेश, बिहार व नेपाल के रहने वाले हैं। इस बारे में पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर ने बताया कि लेदर कॉम्पलेक्स स्थित जेके रबड़ इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड से 37 बच्चे और जेके पॉलिमर इंडस्ट्री से 10 बच्चे छुड़ाए गए हैं। एक एनजीओ से सूचना मिली तो उन्होंने तुरंत डीसी घनश्याम थोरी से बात की। इसके बाद एडीसीपी-1 वत्सला गुप्ता की अगुआई में एसीपी बरजिंदर सिंह के साथ पुलिस की टीम बनाई गई और एसडीएम-टू राहुल सिंधु की अगुआई में प्रशासन की टीम गठित की गई। इसमें सहायक श्रम कमिश्नर हरप्रीत सिंह व जतिंदरपाल सिंह, जिला प्रोग्राम अफसर गुरमिंदर सिंह, लीगल प्रोबेशन अफसर संदीप कुमार भाटिया भी मौजूद थे।
इस संयुक्त टीम ने कार्रवाई करके बच्चों को फैक्ट्री मालिकों के चंगुल से छुड़वाया। इसके अलावा आरोपी फैक्ट्री मालिकों व ठेकेदारों के खिलाफ बाल मजदूरी कानून, जस्टिस जुवेनाइल एक्ट, 188 आईपीसी, एपिडेमिक डिजीज एक्ट व डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। इस मामले की हर पहलू से पड़ताल की जा रही है। इसके लिए एडीसीपी स्तर की स्पेशल टीम बना दी है। अब इस दिशा में बरसों से सराहनीय काम कर रहे और नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित सख्शियत कैलाश सत्यार्थी ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को बधाई देते हुए सहयोग का भराेसा दिया है।
इन सवालों पर की जा रही है पड़ताल
ये बच्चे कहां से और कैसे लाए गए थे?
बच्चों से मजदूरी कराई जाती थी या फिर मानव तस्करी हो रही थी?
इन्हें क्या वेतन दिया जा रहा था और क्या काम कराया जा रहा था?