सर्दी के महीनों की बारिशों के लिहाज से महत्वपूर्ण नवंबर 3 साल के बाद सूखा रहा है। अभी तक 2019 में 14.6 एमएम, 2020 में 22 एमएम और 2021 में 20 एमएम बारिश हुई, लेकिन इस बार पूरा महीना ड्राई निकला है। तीन बार पश्चिम विक्षोभ बनने से अच्छी बारिश की उम्मीद बंधी, लेकिन ये बेअसर रहा। एक बार तड़के चंद मिनट की बूंदाबांदी मौसम को बदलने में नाकाम रही है।
इस सबके बीच नवंबर में 16वीं बार जालंधर की रात पंजाब में सबसे ठंडी रही है। मंगलवार को मौसम के लिहाज से सेहत को लेकर समय चुनौतिपूर्ण रहा। सिटी में दोपहर 12 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 189 रहा, जोकि रेड कैटेगरी में शामिल किया गया। इसका अर्थ है कि हवा सेहत के लिहाज से खराब है। कारण यह रहा कि रात को न्यूनतम टेंपरेचर 5.9 डिग्री रहा था। अधिक ठंड में नमी की हल्की परत में भी धूल के अंश आसमान की तरफ बह नहीं पाए, जिस कारण हवा प्रदूषित हुई है।
प्रदूषण रेड कैटेगरी में शामिल- एक्यूआई 189 पर पहुंचा
जालंधर में नवंबर में आमतौर पर बारिश नहीं होती, लेकिन 2019 से बारिश का सिलसिला शुरू हो गया था। चंडीगढ़ मौसम केंद्र के माहिरों के अनुसार जब बारिश होती है तो हवा का प्रदूषण धुल जाता है, लेकिन फिर से नवंबर ड्राई चला गया है। यही वजह है कि दिन व रात के टेंपरेचर में बड़ा अंतर रहा। इसी कारण ठंड भी सूखी है और प्रदूषण भी चरम पर है। वहीं, अब चंडीगढ़ मौसम केंद्र के अनुसार फिलहाल 3-4 दिन आसमान साफ रहेगा। रात को ठंड होगी, लेकिन दिन में धूप निकलेगी। दिन के टेंपरेचर का औसत 25-26 डिग्री के आसपास चलेगा। इस बार नवंबर में रातों के सामान्य टेंपरेचर को पिछले 11 साल में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है। अब दिसंबर के पहले हफ्ते से धुंध का असर बढ़ेगा। खुले इलाकों में शीतलहर शुरू होगी। अभी वर्तमान पश्चिम विक्षोभ कमजोर है, जिस कारण फिलहाल बारिश के आसार नहीं हैं।
कूड़ा जलाने, धूल से हाल बुरे
फिलहाल बारिश के आसार नहीं हैं। ऊपर से कूड़ा जलाने, धूल भरी सड़कें और भवन निर्माण की साइटों के कारण हवा में धूल के अंश रहेंगे। वैसे कायदे से सड़कों पर पानी के छिड़काव, मशीनों से रोड की सफाई के प्रावधान हैं। कूड़ा जलाने पर पाबंदी है।