कपूरथला(PMN): लक स्टोन वेलफेयर फाउंडेशन की पलास्टिक मुक्त कपूरथला मुहीम के तहत बीते दिनी शहर के शालीमारबाग में कई संस्थाओं के लोगो ने परिचर्चा के बाद पॉलीथिन का उपयोग न करने की शपथ ली और आते जाते लोगो को भी इसका प्रयोग न करने के लिए प्रेरित किया।साथ ही वहां आसपास खेल रहे बच्चों को भी जागरूक उन्हें अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करने का आह्वान किया। लक स्टोन वेलफेयर फाउंडेशन के प्रदेश अधक्ष्य राजकुमार जवंदा,ज़िला अधक्ष्य रणवीर पूरी एवं नगर अधक्ष्य दिव्यांशु भोला ने कहा कि पॉलीथिन से बनी वस्तुएं जैसे बैग,बोतल एवं अन्य उत्पाद लाखों वर्षो तक नष्ट नहीं होते।यह वायु,जल,मिट्टी, वनस्पति,मानव जगत एवं जीव-जंतु तथा पशु जगत को भी धीरे-धीरे अपनी आगोश में लेकर लगातार प्रदूषित करते जा रहे हैं,जो पूरे पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी के लिए बेहद खतरनाक संकेत है।पॉलीथिन प्रदूषण खतरनाक स्थिति से गुजर रहा है। खासतौर से प्लास्टिक बैग,बोतलें,वैवाहिक उत्सव समेत अन्य कार्यक्रमों के समय प्रयोग किए जाने वाले प्लास्टिक उत्पाद आदि के प्रति ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के साथ नगरीय क्षेत्रों में भी लोग जागरूक नहीं है।इसके लिए जन-जन को जागना होगा।पॉलीथिन का प्रयोग छोड़ने और जूट और कपड़े के झोलों का प्रयोग करना होगा।एएसआई गुरबचन सिंह,समाज सेवक विकास बजाज,डॉ दिनेश ने कहा कि पॉलीथिन से पर्यावरण, धरती और इंसान तो क्या जीव-जंतुओं तक पर बुरा असर पड़ता है।प्लास्टिक पर बैन का संदेश देते हुए उक्त लोगो ने कहा कि यह संपूर्ण मानव जीवन के लिए खतरा है।इसके लिए समाज के हर वर्ग को आगे आने की आवश्यकता है।इसके त्याग किए बिना कुछ भी नहीं बचाया जा सकता है।एएसआई गुरबचन सिंह ने कहा कि पॉलीथिन पेट्रो-केमिकल से बना होता है,जो पर्यावरण से लेकर इंसान और मवेशियों सभी के लिए बहुत नुकसानदायक है।कहा कि पॉलीथिन की थैलियां जहां हमारी मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को नष्ट कर इसे जहरीला बना रही हैं।कहा कि सफाई व्यवस्था और सीवरेज व्यवस्था के बिगड़ने का एक कारण पॉलीथिन की थैलियां हैं,जो उड़ कर नालियों और सीवरों को जाम कर रही हैं।विश्व हिन्दू परिषद के विभाग अधक्ष्य एवं गौशाला कमेटी के अधक्ष्य नरेश पंडित ने आम जनता को जागरूक किया कि पॉलीथिन का इस्तेमाल न करे।नरेश पंडित ने कहा की वे पूरे कपूरथला वासियों से अपील करते हैं कि पॉलीथिन का प्रयोग बंद करें और मज़बूरी में पॉलीथिन का उपयोग कर रहे हैं तो कृपा करके उसे बाहर न फेंके।नरेश पंडित ने बताया की 90 फीसदी पशुओं और गायों की मृत्यु सिर्फ पॉलीथिन खाने की वजह से हो रही है।नरेश पंडित ने कहा की यह हमारे लिए नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए शर्म की बात है कि हमारी वजह से बेजुबान जानवरों को पॉलीथिन खाना पड़ रहा है।नरेश पंडित ने कहा की खाने की सामग्री पॉलीथिन में डालकर न फेंके।क्योंकि पॉलीथिन में फेंका हुआ खाद्य सामग्री गौ वंश एंव अन्य जानवर पॉलीथिन के साथ खा लेते है जो कि उनके लिए हानिकारक है।जिससे उनकी मृत्यु भी हो जाती है।एंव पॉलीथिन का इस्तेमाल पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है।नरेश पंडित ने कहा कि सिर्फ हम ही नहीं,गाय भी पॉलिथीन के कारण जोखिम में हैं।हम अपने लिए भी और गाय की रक्षा के लिए आज ही से पॉलिथीन को ना बोलें।पॉलिथीन का ना तो प्रयोग करें और न ही इसके प्रसार में तनिक भी सहयोग दें।अगर दुकानदार आपको पॉलीबैग में सामान दे तो उसे नकार दीजिये और कहें कि पेपर बैग में दे बल्कि सबसे बेहतरीन तो यही होगा कि आप स्वयं एक थैला लेकर जाएँ।आप थैला ले जाने वाली प्रवृत्ति को सौ प्रतिशत तक आत्मसात कर लें।ये बेहतर रहेगा और प्राथमिक तौर पर आप पॉलीथीन को नकारने वाले कहलायेंगे।विचारधारा को बदलें,वो अपनाएँ जो सिर्फ़ आपके लिए हितकारी ना हो बल्कि पूरे समाज और पूरी दुनियाँ के लिए हितकारी हो।