जालंधर (PMN): पब्लिक सेक्टर बैंकों का निजीकरण किए जाने को लेकर बैंक कर्मी मंगलवार को दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। जालंधर के बैंक कर्मियों ने एसबीआई की मेन ब्रांच बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। दो दिन की हड़ताल से लगभग 800 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के कंनीवर अमृतलाल ने कहा कि सरकार पब्लिक सेक्टर बैंकों का निजीकरण करने में तुली हुई है। सरकार कर्मियों की मांगों को नजरअंदाज कर रही है। दो दिन हड़ताल से आठ सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है।
यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के कंनीवर अमृतलाल ने बताया कि केंद्रीय बजट में दो पब्लिक सेक्टर बैंकों का निजीकरण करना सरासर गलत है। सरकार प्राइवेट को बढ़ावा दे रही है। 12 लाख करोड़ के करीब ऋण एनपीए हो रहा है, सरकार सख्त कदम नहीं उठा रही है। कारपोरेट जगत से जुड़े लोगों ने ऋण ले रखा है जो देने के नाम नहीं ले रहे है। यूनियन के सदस्य कंवलजीत सिंह कालड़ा ने बताया कि सरकार पहले भी कई बैंकों को मर्ज कर चुकी है। सरकार का बैंकों को निजीकरण करने का फैसला सरासर गलत है। दो दिन की हड़ताल से आठ करोड़ का कारोबार प्रभावित होगा। ना चेक क्लीयर होंगे, ना ट्रांस्जेक्शन होगा।
दो दिन में 800 करोड़ की नकद ट्रांस्जेक्शन नहीं होंगी
दो दिन की हड़ताल से 800 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभाव होगा। 400 करोड़ के चेक क्लीयर नहीं होंगे। दो दिन में 60 हजार चेक क्लीयर नहीं होंगे। जिले में 800 व शहर में 350 बैंक शाखाएं है। जिले में पांच हजार कर्मचारी कार्य कर रहे है। शहर में 3000 कर्मचारी कार्य कर रहे है। 60000 चेक क्लीयर नहीं हुए।
इन मांगों को लेकर करेंगे कर्मचारी हड़ताल
-दो पब्लिक सेक्टर बैंक का निजीकरण किया जाना
-12 लाख करोड़ ऋण एनपीए हो रहा है।
-बैंक का निजीकरण बंद किया जाए
-भर्ती खोली जाए