श्री आनंदपुर साहिब [रूपनगर]। श्री आनंदपुर साहिब आने वाले सैलानियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। विश्व प्रसिद्ध विरासत-ए-खालसा को खोलने का फैसला कर लिया गया है। कोविड 19 के मद्देनजर विरासत-ए-खालसा बंद किया गया था। 11 नवंबर को विरासत-ए-खालसा को खोल दिया जाएगा। शर्त ये रहेगी कि कोविड 19 से बचाव के लिए निर्धारित नियमों का पालन करना होगा। तभी सैलानी विरासत-ए-खालसा के दीदार कर सकेंगे।
थर्मल स्कैनिंग के अलावा मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाकर और सेेनिटाइजर का इस्तेमाल जरूरी होगा। विरासत-ए-खालसा को खोलने के मद्देनजर प्रबंधकों द्वारा पूरे कांप्लेक्स को सेनिटाइज किया जा रहा है। विरासत-ए-खालसा का डिजाइन विश्व प्रसिद्ध आर्किटेक्ट मोसे सैफदी ने तैयार किया था। इसे साल 2011 के नवंबर माह में लोकार्पित किया गया था।
विरासत-ए-खालसा के दूसरे फेज का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 25 नवंबर 2016 को किया था। दूसरे फेज पर 77 करोड़ रुपये की लागत आई थी। विरासत-ए-खालसा अपनी किस्म का संग्रहालय है, जिसे आठवे अजूबे का नाम भी दिया गया। पिछले आठ साल में विरासत-ए-खालसा का 1 करोड़ से ज्यादा लोग दीदार कर चुके हैं।
वर्ष 2019 में विरासत-ए-खालसा विश्व भर में तेजी से देखे जाने वाले म्यूजियम की कतार में अपना नाम दर्ज करवाने में सफल रहा था। इस कारण फरवरी 2019 में लिमका बुक ऑफ रिकार्ड में इसका नाम दर्ज हुआ था। वर्ष 2019 में ही इसे इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में भी शामिल किया गया।
इसके अलावा एशिया बुक ऑफ रिकार्ड में भी विरासत-ए-खालसा का नाम दर्ज हुआ। विरासत-ए-खालसा के दूसरे चरण में 13 गैलरियां हैं। इसमें हस्तकला, अति आधुनिक प्रौद्योगिकी के अलावा 3-डी तकनीक समेत आला दर्जे का आडियो एवं वीडियो कंटेंट सैलानियों के लिए विशेष सुविधा प्रदान करता है।