नई दिल्ली | कोरोना के खिलाफ जंग में वैक्सीनेशन ही एकमात्र हथियार है। इसलिए सभी सार्वजनिक स्थलों और स्कूलों में कोरोना वैक्सीनेशन जरूरी की गई है। चंडीगढ़ प्रशासन ने भी कोविड-19 का टीका न लगवाने वाले 12 से 18 साल की उम्र के छात्रों के 4 मई से फिजिकल क्लासेज अटेंड करने पर रोक लगाई थी। लेकिन बीते दिनों वैक्सीनेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त निर्देशों के बाद अब प्रशासन ने अपना यह फैसला वापस ले लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि किसी व्यक्ति को टीकाकरण के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। जिसके चलते प्रशासन ने निर्णय बदल है। इस संबंध में चंडीगढ़ प्रशासन ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दी है। अब कोरोना वैक्सीनेशन के बिना भी स्टूडेंट्स स्कूल में क्लासिस लगा सकेंगे। चंडीगढ़ प्रशासन के सलाहकार धर्म पाल ने स्वास्थ्य सचिव के साथ कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी रेट और वैक्सीनेशन की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की।
प्रशासन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस आयु वर्ग के बच्चों में फिलहाल कोरोना संक्रमण और उसका फैलाव बेहद कम है, इसलिए टीका नहीं लगवाने वाले 12-18 साल के छात्र भी फीजिकल क्लासेज अटैंड कर सकते हैं।धर्म पाल ने चंडीगढ़ के सभी शिक्षकों से बच्चों को कोविड टीकाकरण के बारे में शिक्षित करने की अपील की है।