जालंधर (पीएमएन)-जालंधर में निजी स्कूलों द्वारा कोरोना की मार झेल रहे अभिभावकों से एनुअल फीस के नाम पर वसूली करने के खिलाफ बच्चों के अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा है। बुधवार को अभिभावक एनुअल चार्जेस की वसूली के खिलाफ इनोसेंट हाट्र्स स्कूल (ग्रीन माडल टाऊन) पहुंचे। यहां पहुंचे अभिभावकों ने बताया कि डीसी के आदेश के बावजूद उनसे एनुअल फीस वसूली जा रही है। कुछ कक्षाओं में यह फीस करीब 6700 रुपए और कुछ में यह फीस करीब 7000 है। अभिभावकों ने बताया कि पहले कोरोना और लॉकडाऊन के कारण रोजगार बंद है ऊपर से हमें राहत देने की बजाय स्कूल हम पर बेवजह बोझ डाल रहे हैं। इस संबंध में अभिभावकों ने संंबंधित अधिकारियों से बात भी की।
आपको बता दें कि पिछले साल भी इनोसेंट हाट्र्स में ही स्कूल फीस को लेकर हंगामा हुआ था तब भी अभिभावकों ने यहां प्रदर्शन किया था। इस संबंध में जब स्कूल कर्मी मनीष जोशी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम बकाया और फीस वसूली के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कर रहे हैं। वहीं जब उनसे कहा गया कि क्या आपके पास सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की प्रति है तो हमें उपलब्ध करवा दें तो उन्होंने कहा कि कॉपी ऑफिस में पड़ी है और मैं ऑफिस से बाहर हूं। अगर स्कूल की तरफ से पंजाब मीडिया न्यूज को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की कॉपी मुहैया करवाई जाती है तो उस प्रति को हम अपने पाठकों तक अवश्य पहुंचाएंगे।
250 रुपए की डायरी दे रहा स्कूल!
डीसी घनश्याम थोरी ने दो दिन पहले ही अभिभावकों को राहत देते हुए निजी स्कूलों को कोर्ट के आदेशों का पालन करने का आदेश जारी किया था। अब सवाल यह पैदा होता है कि क्या स्कूल डीसी साहब के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं? एक और सवाल यह है कि क्या किसी स्कूल मैनेजमेंट को बच्चों से डायरी के 250 रुपए वसूले जाने की बात भी कोर्ट के आदेश में कही गई है? जो बच्चा एक बार स्कूल में दाखिला ले लेता है उसके मां-बाप हर साल एडमिशन फीस समेत बाकी एनुअल चार्जेस क्यों दें? सूत्रों के मुताबिक इनोसेंट हाटर्स में बच्चों की डायरी के 250 रुपए वसूले जा रहे हैं?