जालंधर (पवन कुमार)- कोविड -19 के मरीज़ों के इलाज दौरान कमियां होने पर प्राईवेट अस्पताल विरुद्ध सख़्ती करते हुए डिप्टी कमिश्नर जालंधर घनश्याम थोरी ने आज शमशेर अस्पताल में पाई कमियों और अधिक पैसे वसूलने सम्बन्धित स्वास्थ्य अथारिटी की तरफ से रिपोर्ट मिलने के बाद लैवल -2 कोविड केयर सुविधा (नये मरीज़ों के दाख़िले) को स्थगित कर दिया गया है। डिप्टी कमिश्नर ने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड वार्ड में दाख़िल मरीज़ की मौत के उपरांत पारिवारिक सदस्यों की तरफ से शिकायत दर्ज करवाई गई थी, जिस सम्बन्धित पड़ताल डिप्टी मैडीकल कमिश्नर जालंधर को सौंपी गई थी, जिनकी तरफ से लैवल -2 सुविधा में नए मरीज़ों के दाख़िले को स्थगित करने की सिफारिश की गई थी। डिप्टी कमिश्नर की तरफ से कोविड के मरीज़ों के इलाज दौरान अधिक पैसे वसूलने, दवाओं की ख़रीद, बाँट और शिकायत में लगाए गए दोषों की तीन दिनों में जांच करने के लिए चार सदस्यी समिति जिसमें उपमंडल मैजिस्ट्रेट -1, सिविल सर्जन, ज़ोनल लायसैंसिंग अथारिटी और डा.अशोक सीनियर मैडीकल अधिकारी वडाला शामिल हैं का गठन किया गया।
शिकायत अनुसार मरीज़ शमशेर अस्पताल गया ,जहाँ उसे लैवल -2 कोविड केयर वार्ड में बिना आर.टी.पी.सीआर टैस्ट किये दाख़िल कर लिया गया। मरीज़ों का लैवल -3 का इलाज भी किया गया जो केवल विशेषज्ञों के ग्रुप की सलाह से किया जाता है। शिकायतकर्ता की तरफ से दवाएँ और टीकों के अधिक मूल्य वसूलने सम्बन्धित दोष लगाए गए थे, जो कि जांच का विषय था। डिप्टी कमिश्नर ने समिति को आदेश दिए कि सभी पक्षों से जांच करके विस्थारित रिपोर्ट तीन दिनों में पेश की जाये। डिप्टी कमिश्नर ने इस मुश्किल घड़ी में गलत तरीके अपनाने वाले स्वास्थ्य संस्थानों को फटकार लगाते हुए कहा कि ज़िला प्रशासन कोविड -19 के मरीज़ों को मानक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए वचनबद्ध है।