जालंधर(PMN): अंतरराष्ट्रीय नशा तस्करों का साथ देने वाले बीएसएफ के जवान को बीएसएफ ने डिसमिस कर दिया है। 10 दिन पहले ही पाक समर्थित तस्करी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए उसे पुलिस ने दो नशा तस्करों से पूछताछ के आधार पर गिरफ्तार किया था। आरोपी की पहचान राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में रावला मंडी के निवासी राजेंद्र प्रसाद के तौर पर हुई है। वह बीएसएफ में तरनतारन जिले में सिपाही के पद पर सेवारत था। इस कार्रवाई में सिपाही से पहले गिरफ्तार किए गए दोनों तस्करों से पुलिस ने चाइनामेड पिस्टल, 5 कारतूस और साढ़े 24 लाख रुपए की ड्रगमनी भी बरामद की थी।
पंजाब के महानिदेशक दिनकर गुप्ता के मुताबिक जालंधर ग्रामीण पुलिस ने 26 जुलाई को वरना कार में दिल्ली से आ रहे सुरमेल सिंह और गुरजंट सिंह नामक दो तस्करों को गिरफ्तार किया था। तलाशी में कार से 25 ग्राम हेरोइन बरामद हुई। पूछताछ के बाद पुलिस ने सुरमेल के पास से चाइना मेड का .30 बोर पिस्तौल, 5 कारतूस और 35 ग्राम हेरोइन बरामद की थी। दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि वो तरनतारन जिले के गांव नारली के रहने वाले सतनाम सिंह उर्फ सत्ता के साथ काम करते थे, जो सरहद पार से हेरोइन और हथियारों की तस्करी के लिए पाक तस्करों के साथ नजदीकी रूप से जुड़ा हुआ था। साथ ही बताया कि जिले के गांव छीना में एक सरहदी चौकी में तैनात बीएसएफ का सिपाही राजेंद्र प्रसाद भी तस्करी रैकेट का हिस्सा था।
पूरी पड़ताल के बाद केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से पंजाब पुलिस ने 28 जुलाई को उसे गिरफ्तार कर लिया। रावला मंडी स्थित अपने आवास पर छुट्टी काटकर लौटते वक्त गिरफ्तार राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि उसे सतनाम सिंह उर्फ सत्ता द्वारा नशा तस्करी के रैकेट में भर्ती किया गया था, जिसने अपने बॉर्डर पोस्ट के द्वारा हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी में मदद के बदले उसको पैसे देने का वादा किया था। फिर उसने मई में 17 किलो हेरोइन और 2 विदेशी पिस्तौल लेने में गिरोह की मदद की। इस बार फिर सतनाम सिंह ने राजेंद्र प्रसाद, सुरमेल सिंह और गुरजंट सिंह के साथ मिलकर अपने पाक आधारित हैंडलर से हेरोइन और हथियारों की एक और खेप लेनी थी। सतनाम सिंह उर्फ सत्ता ने इस खेप की रसीद और प्रबंधन के लिए राजेंद्र प्रसाद को 5 लाख रुपए और एक मोबाइल फोन पहले दिया था।