जालंधर: अगर चुनावी टिकट सिर्फ इसलिए मिल जाती कि आप गाते अच्छा हैं तो शायद बहुत से सुरीले गायक आज विधायक, सांसद बने होते लेकिन जो गायक राजनीति में नहीं उतरे उन्हें पता है कि राजनीति में जाने की बजाय मां सरस्वती की सेवा करना सही है। लेकिन जालंधर में भजन गायक रमन अरोड़ा जोकि कपड़ा व्यापारी भी हैं आजकल काफी चर्चा में है। वैसे चर्चा में यह लॉकडाऊन में भी आए थे जब इनके घर कोई समारोह था और लॉकडाऊन के नियमों का उल्लंघन करते हुए इन्हें अच्छी खासी भीड़ जमा कर ली थी। सजे धजे मेहमानों से भरे घर में जब पुलिस आई तो सब हक्के बक्के रह गए। चलिए कोई बात नहीं हमें क्या? लगता है तभी रमन अरोड़ा को इस बात का अहसास हो गया था कि गायकों की ड्रैस की बजाय खादी पहनना अच्छा रहेगा। व्यापारियों की मांग उठाते उठाते ये चेयरमैनी की कुर्सी पर जा बैठे। कुछ दिन पहले यह आम आदमी पार्टी में आए हैं और इनकी दिली इच्छा जालंधर सेंट्रल से चुनाव लडऩे की है। इनकी यह इच्छा पूरी होती नहीं दिख रही क्योंकि वहां पर आम आदमी पार्टी की टिकट के दावेदार बहुत हैं। जैसे कि डा. संजीव शर्मा जिन्होंने पिछला चुनाव यहीं से लड़ा था। हालांकि वह हार गए थे। इसके बाद पवन गुप्ता जी का नंबर आता है। सूत्रों के मुताबिक पवन गुप्ता को खुद आप नेताओं ने अप्रोच किया है। अब अगर वह राजकुमार गुप्ता की विरासत संभालते हैं तो रमन अरोड़ा का पत्ता कट जाएगा। वैसे रमन अरोड़ा जोर बहुत लगा रहे हैं। लेकिन उनका जोर गलत दिशा में लग रहा है। सेंट्रल में टिकट लेने और शक्ति प्रदर्शन के चक्कर में वे अपने साथ बस्तीयात क्षेत्र के लोगों को घुमाए फिरते हैं। अब भला सेंट्रल में शक्ति प्रदर्शन के लिए वेस्ट के वोटरों का क्या काम। पांच-सात लोग तो ऐसे हैं जोकि पक्के हैं मतलब रमन अरोड़ा की सभा में उन्होंने जाना ही है। इन पांच-सात में कुछ वो जो रमन अरोड़ा के भजन कार्यक्रमों के लाइव टेलीकास्ट का भी काम करते हैं यानि मेरे सज्जे वी मेरे अपने ते मेरे खब्बे वी मेरे अपने, मैं देख रियां एमएलए बनने के सपने। चलिए जी सपने देखना हर किसी का अधिकार है लेकिन रमन अरोड़ा को इन सपनों पर एक और नेता झाड़ू फेर सकता है जिसको लेकर कयास लगाए जा रहे हैं वह कांग्रेस का दिग्गज है और सेंट्रल में टिकट न मिलने पर वह आप में छलांग मार सकता है। वैसे रमन अरोड़ा ने केजरीवाल के स्वागत में जोर तो बहुत लगाया पर बात बनी नहीं।