पंजाब मीडिया न्यूज़(PMN): (Captain Amarinder Singh)कैप्टन अमरिंदर साहब ने पंजाब के लोगों के साथ गद्दारी की है, इस गुनाह के लिए इससे छोटा शब्द इस्तेमाल नहीं किया जा सकता- राघव चड्ढा
-7 अगस्त 2019 से कैप्टन अमरिंदर सिंह को पता था कि किसान व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम को लाया जा रहा है- राघव चड्ढा
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह को उच्चाधिकार प्राप्त समिति का सदस्य नामित किया था, दोनों के बीच मैच फिक्सिंग का यह स्पष्ट मामला है, इसी कारण से कैप्टन ने किसी को नहीं बताया कि तीनों काले कृषि कानून लागू होंगे- राघव चड्ढा
-पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह अच्छी तरह से जानते थे कि निजी निवेश और कॉर्पोरेट्स को फसलों के बाजार में लाया जाएगा, उन्हें यह भी पता था कि अनुबंध-खेती के नए तरीके पेश किए जाएंगे, एमएसपी और मंडी प्रणाली को हटा दिया जाएगा लेकिन उन्होंने कभी किसी को कुछ नहीं बताया- राघव चड्ढा
-मैं कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनौती देता हूं कि वे कोई एक सबूत पेश करें जिससे यह साबित हो सके कि कृषि कानूनों को लेकर गठित उच्चाधिकार समिति में उन्होंने तीनों काले कृषि कानूनों के विरोध में असहमति प्रकट की थी- राघव चड्ढा
-कैप्टन अमरिंदर सिंह 7 अगस्त 2019 से लिखित रूप में जानते थे कि समिति के सदस्य कौन हैं, उन्हें हर बैठक का एजेंडा पता था, उन्होंने किसान यूनियनों से चर्चा क्यों नहीं की? सीएम कैप्टन अमरिंदर कृषि प्रमुख राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं और कभी भी इन कृषि कानूनों की गंभीरता को लेकर चेतावनी नहीं दी। उन्होंने बेहद छलपूर्वक अभिनय किया है- राघव चड्ढा
-मीडिया को दिए अपने हर संबोधन में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि उच्च-अधिकार प्राप्त समिति की बैठकों में विचाराधीन कृषि कानूनों पर कभी चर्चा नहीं हुई, अब यह सामने आया है। उन्होंने हर बार मीडिया, पंजाब के लोगों और किसानों से झूठ बोला है- राघव चड्ढा
-आरटीआई से पता चलता है कि हमारे कृषक भाईयों ने जिन हाई पावर्ड कमेटी के तीन काले कृषि कानूनों के एजेंडे खिलाफ लड़ाई लड़ी है, कैप्टन अमरिंदर उन एजेंडे के ऊपर विस्तार से हो रही चर्चाओं में भागीदार थे- राघव चड्ढा
-हमारा महत्वपूर्ण सबूत बताता है कि हाइ-पावर्ड कमेटी में कृषि से जुड़े तीनों काले कानूनों पर पहले चर्चा की गई, कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस बात की अच्छे से जानकारी थी- राघव चड्ढा
-आरटीआई से बड़ा सबूत और क्या हो सकता है? हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि कैप्टन ने पंजाब के अन्नदाता और किसानों से छलपूर्वक झूठ बोला है, सभी को गुमराह किया है- राघव चड्ढा
-कैप्टन अमरिंदर ने इन बैठकों में कृषि कानूनों को लेकर चर्चा क्यों नहीं की? जब उन्हें तीनों काले कृषि कानूनों के बारे में अच्छी तरह से पता था तो पंजाब के किसानों के साथ विचार विमर्श क्यों नहीं किया- राघव चड्ढा
-कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इन बैठकों की वास्तविकता को लेकर किसान संगठनों के साथ विचार-विमर्श किया होता तो अन्नदाता को इस कडक़ड़ाती ठंड में इतनी रातें न गुजारनी पड़तीं- राघव चड्ढा
-कैप्टन अमरिंदर सिंह 7 अगस्त 2019 से तीनों काले कानूनों के बारे में जानते हैं, यह कैप्टन और प्रधान मंत्री मोदी के बीच मैच फिक्सिंग है, कोविड 19 महामारी के बीच तीनों काले कृषि कानूनों को पारित, लागू और क्रियान्वयन करने में सक्रिय भागीदार थे- राघव चड्ढा
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से 7 अगस्त 2019 से लेकर अभी तक तीनों काले कृषि कानूनों को क्रूर तरीके से पारित किया गया, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बार भी किसानों के साथ इन कानूनों पर चर्चा करने के बारे में नहीं सोचा, उन्होंने जानबूझकर इसे छुपाया- राघव चड्ढा
-समिति की शर्तें स्पष्ट रूप से उल्लेख करती हैं कि कृषि विपणन और बुनियादी ढांचे में निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए परिवर्तनों का सुझाव दिया, यह कैसे इस बात का प्रमाण नहीं है कि कैप्टन ने पंजाब के किसानों को धोखा दिया है- राघव चड्ढा
-हाई-पावर्ड कमेटी की टिप्पणीयां वही हैं जो तीनों काले कृषि कानूनों के नियम हैं, कैप्टन अमरिंदर सिंह एक साल पहले से एजेंडा जानते थे, अब मुझे नहीं लगता कि पंजाब के लोगों को कैप्टन की धोखेबाजी का कोई और सबूत चाहिए- राघव चड्ढा
-कैप्टन अमरिंदर सिंह को बैठकों की महत्वपूर्ण जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए, इसकी शीर्ष स्तरीय गोपनीयता की क्या आवश्यकता है- राघव चड्ढा
-यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी के कैप्टन अमरिंदर सिंह एजेंट हैं, कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रधानमंत्री मोदी के बीच मैच फिक्सिंग का स्पष्ट मामला है, कैप्टन अमरिंदर ने खुलेआम पंजाब के लोगों-किसानों की पींठ में छुरा घोंपा है- राघव चड्ढा
चंडीगढ़, 24 जनवरी, 2021
(Captain Amarinder Singh)आम आदमी पार्टी के पंजाब सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के झूठ को उजागर कर दिया है। आरटीआई से खुलासा हुआ है कि तीनों काले कृषि कानून को पारित किए जाने के बारे में कैप्टन अमरिंदर सिंह को जानकारी थी। राघव चड्ढा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर साहब ने पंजाब के लोगों के साथ गद्दारी की है। इस गुनाह के लिए इससे छोटा शब्द इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। 7 अगस्त 2019 से कैप्टन अमरिंदर सिंह को पता था कि किसान व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम को लाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह को उच्चाधिकार प्राप्त समिति का सदस्य नियुक्त किया था। दोनों के बीच मैच फिक्सिंग का यह स्पष्ट मामला है।य़ इसी कारण से कैप्टन ने किसी को नहीं बताया कि तीनों काले कृषि कानून लागू होंगे। पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह अच्छी तरह से जानते थे कि निजी निवेश और कॉर्पोरेट्स को फसलों के बाजार में लाया जाएगा और एमएसपी और मंडी प्रणाली को हटा दिया जाएगा लेकिन उन्होंने कभी किसी को कुछ नहीं बताया। मैं कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनौती देता हूं कि वे कोई एक सबूत पेश करें जिससे यह साबित हो सके कि कृषि कानूनों को लेकर गठित उच्चाधिकार समिति में उन्होंने तीनों काले कृषि कानूनों के विरोध में असहमति प्रकट की थी। उन्होंने कहा कि आरटीआई से पता चलता है कि हमारे कृषक भाईयों ने जिन हाई पावर्ड कमेटी के तीन काले कृषि कानूनों के एजेंडे खिलाफ लड़ाई लड़ी है। कैप्टन अमरिंदर उन एजेंडे के ऊपर विस्तार से हो रही चर्चाओं में भागीदार थे। आरटीआई से बड़ा सबूत और क्या हो सकता है? हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि कैप्टन ने पंजाब के अन्नदाता और किसानों से छलपूर्वक झूठ बोला है, सभी को गुमराह किया है। कैप्टन अमरिंदर ने इन बैठकों में कृषि कानूनों को लेकर चर्चा क्यों नहीं की? जब उन्हें तीनों काले कृषि कानूनों के बारे में अच्छी तरह से पता था तो पंजाब के किसानों के साथ विचार विमर्श क्यों नहीं किया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इन बैठकों की वास्तविकता को लेकर किसान संगठनों के साथ विचार-विमर्श किया होता तो अन्नदाता को इस कडक़ड़ाती ठंड में इतनी रातें न गुजारनी पड़तीं। स्पष्ट हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी के कैप्टन अमरिंदर सिंह एजेंट हैं, कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रधानमंत्री मोदी के बीच मैच फिक्सिंग का स्पष्ट मामला है। कैप्टन अमरिंदर ने खुलेआम पंजाब के लोगों-किसानों की पींठ में छुरा घोंपा है।
(Captain Amarinder Singh)आम आदमी पार्टी के पंजाब सह प्रभारी राघव चड्ढा ने रविवार को प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आपके सामने आज ऐसे पुख्ता सबूत रखेंगे जिससे पंजाब के किसानों के साथ देखे कैप्टन अमरिंदर की गद्दारी सामने आ जाएगी। आज आम आदमी पार्टी एक बहुत बड़ा खुलासा करने जा रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह शुरू से यह बात कहते रहे कि हमें कभी इन तीन कानूनों के बारे में पता नहीं था। हमारे लोग और मैं उस कमेटी के सदस्य नहीं थे। हमने केवल वहां पर वित्तीय मामलों को लेकर बात की थी। मैंने सरकार के वित्त मंत्री को भेज दिया था। हाई पावर कमेटी से हमारा कुछ भी लेना देना नहीं था। पिछले 8 महीने से ना जाने क्या-क्या लगातार बोलते जा रहे हैं। हम आपके सामने आज ऐसे सबूत रखेंगे जिससे कैप्टन अमरिंदर सिंह के झूठों का पर्दाफाश हो जाएगा। पंजाब के इतिहास में सबसे बड़े किसान विरोधी मुख्यमंत्री के रूप में साबित हो जाएंगे।
आरटीआई का एक दस्तावेज आज हम आपके सामने रखने जा रहे हैं। इस आरटीआई को आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रवक्ता दिनेश चड्ढा ने हर जगह लगाया। आम आदमी पार्टी ने खाद्य मंत्रालय से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक आरटीआई लगायी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कैप्टन अमरिंदर सिंह की मैच फिक्सिंग के चलते उस आरटीआई दस्तावेज का कोई जवाब नहीं मिला। हाई पावर कमेटी के बारे में किसी भी प्रकार की सूचना देने से इनकार कर दिया। लेकिन हाई पावर कमेटी का संचालन करने वाले नीति आयोग ने आरटीआई का जवाब दे दिया। इस आरटीआई से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। मैं उस आरटीआई का जवाब आपके सामने रखने जा रहा हूं। जिससे कैप्टन अमरिंदर सिंह का झूठ का महल चकनाचूर हो जाएगा। इससे यह साबित हो जाएगा कि किस तरह कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है।
आम आदमी पार्टी आम आदमी पार्टी के नेता दिनेश चड्ढा ने यह आरटीआई लगाई जिसका जवाब हमारे पास 15 जनवरी 2021 को आया है। हमने आरटीआई के जरिए कई सारी चीजें मांगी थी कि हाई पावर कमेटी बनी थी इसमें कौन था, इस कमेटी में क्या हुआ, हाई पावर कमेटी का एजेंडा क्या था। इसके बाद जो जानकारियां हमें मिली हैं उसके जवाब मैं आपके सामने रखना चाहता हूं। आरटीआई के साथ 7 अगस्त 2019 का एक नोटिफिकेशन मुहैया कराया गया है कि उस कमेटी का गठन क्यों किया गया, शर्तें और एजेंडा क्या था। इसके बारे में विस्तृत तौर पर बताया गया है
राघव चड्ढा ने कहा कि कार्यालय का नोट कहता है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 लोगों की कमेटी बनाई। यह कमेटी खेती के बारे में क्या बदलाव लाने हैं, क्या नए कानून बनाने हैं उनके बारे में बैठक कर चर्चा करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कमेटी के 10 सदस्य देवेंद्र फडणवीस, मनोहर लाल खट्टर, प्रेम खांडू, विजय रुपाणी, योगी आदित्यनाथ, कमलनाथ, कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत बनाए। यह इस बात का पुख्ता सबूत है कि प्रधानमंत्री ने खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनकर इस कमेटी का सदस्य बनाया। कैप्टन अमरिंदर सिंह बार-बार कह रहे थे कि हमारी सरकार का कोई अन्य सदस्य था, मैं नहीं था। हमने वित्तमंत्री मनप्रीत बादल को भेज दिया था। हमें उस कमेटी की सदस्यता मिल गई थी।
राघव चड्ढा ने कहा कि कमेटी की सदस्यता किसी ऐरे गैरे को नहीं मिली थी। पंजाब सरकार के किसी चपरासी-अधिकारी को सदस्य नहीं बनाया था। तीन काले कानून लाने वाली कमेटी का सदस्य कैप्टन अमरिंदर सिंह(Captain Amarinder Singh)को बनाया गया था। यदि इस कमेटी के एजेंडे पर बात करें तो पता चलता है कि जब भी कोई कमेटी बनती है तो वह कमेटी क्या काम करेगी, किस विषय पर चर्चा होगी यह सब एक दस्तावेज के जरिए पहले ही बता दिया जाता है। हम कमेटी बना रहे हैं और आपको इन मुद्दों पर चर्चा कर रिपोर्ट देनी है। उन्होंने कहा कि मैं इस कमेटी के एजेंडे पर आ रहा हूं जो कि स्पष्ट कर देगा कि अगस्त 2019 से एजेंडा सिर्फ एक था। जिस पर साफ तौर पर लिखा था हम खेती में क्या बड़े बड़े बड़े बदलाव कर रहे हैं, उस पर चर्चा करेंगे। एजेंडे का पहला बिंदु है किसान व्यापार और वाणिज्य संवर्धन और सुविधा अधिनियम यानी कि मंडी तोड़ो एमएसपी छोड़ो कानून, दूसरा बिंदु है मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता यानी कि ठेके पर खेती का कानून यानी कि किसान को बंधुआ मजदूर बनाने का कानून जो कि मोदी सरकार लेकर आई है। इसके अलावा तीसरा बिंदु है समझौता और आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम यानी कि जमाखोरी और कालाबाजारी अनुमति कानून। जमाखोरी और कालाबाजारी को अनुमति देने के लिए कानून लेकर आ गया है।
राघव चड्ढा ने कहा कि इसके बाद बड़ी खतरनाक बाते लिखी हैं जो कि बहुत ही ज्यादा डरावनी हैं। इस बैठक में कैसे कॉरपोरेटर देश की किसानी में घुसेगा उसका सारा मसौदा बनाया गया है। यह मैं आपको आरटीआई से पढ़ कर बता रहा हूं। आम आदमी का कोई दस्तावेज नहीं है। उसके बाद कमेटी के एजेंडे के हर बिंदु में बताया गया है कि किस प्रकार से मसौदा तैयार किया जाए ताकि निजी इन्वेस्टमेंट को लाया जाए, यह सारी चाहिए इस आरटीआई में लिखी गई हैं।
राघव चड्ढा ने कहा कि इसका मतलब है कि जो तीन काले कानून लाए गए हैं चाहे वह कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का हो, एपीएमसी मंडी को बर्बाद करने, एमएसपी को कमजोर करने या फिर जमाखोरी और कालाबाजारी का कानून मोदी सरकार लाई है, इन तीनों कानूनों के ऊपर हाई पावर कमेटी में चर्चा हुई। कैप्टन अमरिंदर सिंह इस हाई पावर कमेटी के सदस्य थे यह आरटीआई से साफ हो जाता है।
मैं आपको एक महत्वपूर्ण बात बताने जा रहा हूं जिसके बारे में आप कैप्टन अमरिंदर सिंह से पूछिएगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह कहते हैं कि मुझे तो पता ही नहीं था कि उस कमेटी में क्या बात हुई। कुछ वित्तीय मामलों पर बात हुई थी। लेकिन हाईपावर कमेटी का यह दस्तावेज है जिससे मैं आपको जानकारी दे रहा हूं, यह कमेटी के प्रत्येक सदस्य को दिया गया है। (Captain Amarinder Singh)इसके अंत में लिखा है कि सबको इसकी कॉपी भेजी गई है। जब यह समिति बनी थी तो सभी को इसके एजेंडे की प्रति की कॉपी भेजी गई थी। यानी कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी कॉपी भेजी गई थी। उनको भी पता था कि कमेटी में क्या हो रहा है। उनको पता था कि क्या मसौदा बनाया जा रहा है। कैप्टन अमरिंदर को पता था कि तीनों काले कानून इस कमेटी में बनाए जा रहे हैं लेकिन वह चुप्पी साधकर बैठे रहे। किसी को भी उन्होंने कानों कान खबर तक नहीं होने दी।
मैं आज कैप्टन अमरिंदर सिंह से पूछना चाहता हूं कि कैप्टन अमरिंदर साहब 1 साल तक क्यों चुप रहे। इस समिति का 7 अगस्त 2019 को सदस्य बना दिया गया था और दस्तावेज भेज दिया गया था। बैठक के मुद्दे बता दिए गए तो आपने पंजाब के किसानों को क्यों नहीं बताया। आपने क्यों पंजाब के किसानी जत्थेबंदियों के साथ बात क्यों नहीं की। आपने क्यों सबको नहीं बताया कि मोदी सरकार के क्या मंसूबे हैं। आपने हमें क्यों इनको लेकर आगाह नहीं किया। अगर आपने आगाह किया होता तो हम किसान जत्थेबंदिया मिलकर 1 साल पहले ही इस कानून को रोक देते। यह कानून आते ही नहीं। हमारे बड़े बुजुर्गों को आज खुले आसमान में सिंघु सीमा पर राते गुजारनी नहीं पड़ती। पंजाब आज जिस अंधकार के दौर से गुजर रहा है, इससे गुजरना नहीं पड़ता। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मोदी के साथ मैच फिक्सिंग करते हुए मिलीभगत से कानून के बारे में पंजाब के किसानों को नहीं बताया। मैं कैप्टन अमरिंदर सिंह से पूछना चाहता हूं कि 1 साल पहले 7 अगस्त 2019 को आपको पता लग गया था कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का कानून आ रहा है। (Captain Amarinder Singh)आपको 7 अगस्त 2019 को पता लग गया था कि मंडी समाप्त करने का एमएसपी को कमजोर करने, कॉर्पोरेट घरानों को खेती में लाने कानून आ रहा है इसके बारे में आपने पंजाब के किसानों को ने क्यों नहीं बताया। आप उस कमेटी के सदस्य थे आपने क्यों किसी को भनक तक नहीं लगने दी।
(Captain Amarinder Singh)राघव चड्ढा ने कहा कि मैं आज साफ तौर पर कहना चाहता हूं कैप्टन अमरिंदर सिंह हमारे मुख्यमंत्री मोदी के एजेंट के रूप में इतने सालों से काम करते रहे है। भाजपा के मुख्यमंत्री के तौर पर काम करते रहे। परिवार को बचाने और अपने बेटे को बचाने के लिए उन्होंने पूरे पंजाब के किसानों को बेच डाला है। किसी को यह बात नहीं बताई कि यह तीन काले कानून कैप्टन अमरिंदर सिंह की कमेटी में बने हैं और उनकी सहमति से बने हैं। मैं आज इस मंच से चुनौती देता हूं एक दस्तावेज दिखाइए इसमें आपने लिखित तौर पर कमेटी के सामने अपना विरोध दर्ज किया हो और बोला हो कि यह तीन काले कानून नहीं आने चाहिए।
(Captain Amarinder Singh)आज इस पुख्ता सबूत से यह साबित हो जाता है कि हमारे सुबे के मुख्यमंत्री ने किसानों की पीठ में छुरा मारने का काम किया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गद्दारी की है। इस बात के लिए गद्दारी से छोटा शब्द इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। अभी कैप्टन अमरिंदर सिंह बोल रहे थे कि यह वित्तीय मामला था। हमने वित्तमंत्री मनप्रीत बादल को भेज दिया था। पहली बात यह है कि मामला क्या था कि इस एजेंडे पर चर्चा हो रही थी वह तो इस आरटीआई से साफ हो जाता है। लेकिन एक बार को मान लेते हैं कि मुख्यमंत्री सही बोल रहे हैं। अगर वित्तीय मामले पर भी चर्चा थी तो वित्तीय मामला भी तो इसी एजेंडे का था कि कैसे कॉर्पोरेट को खेती में लेकर आना है। किस तरह से कॉर्पोरेट को सारा पैसा देना है। (Captain Amarinder Singh)सारा मामला ही वित्त का था। आप खुद ही मान रहे हो कि तीनों काले कानूनों को लेकर वित्तीय मामले पर चर्चा होनी थी। लेकिन नरेंद्र मोदी और कैप्टन अमरिंदर सिंह की मैच फिक्सिंग के चलते 1 साल तक किसी को भनक तक नहीं लगने दी। किसी को भी कानों कान खबर नहीं होने दी। यह तीन काले कानून लाने जा रहे हैं इसके बारे में कैप्टन अमरिंदर ने किसी को पता नहीं लगने दिया। मुझे लगता है यह गुनाह और अपराध कैप्टन अमरिंदर ने पंजाब सुबे के लोगों के साथ किया है। इसके लिए पीढिय़ों तक इन्हें पश्चाताप करना पड़ेगा लेकिन पंजाब की जनता इन्हें माफ नहीं करेगी।
इस मौके नेत प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा, विधायक कुलवंत सिंह पंडोरी, जस्टिस (सेवानिवृत्त) जोरा सिंह, जिला अध्यक्ष रोपड़ व एडवोकेट दिनेश चड्ढा, कश्मीर सिंह मल्ली उपस्थित थे।