PM Narendra Modi spoke to Sonia Gandhi, including former Prime Minister, President over phone
Punjab Media News: इस बीच PM Modi ने रविवार के पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्रियों से बात की है। इसके अलावा उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं से भी बात की। पीएमओ सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने रविवार को सबसे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को फोन कर कोरोना से निपटने के लिए हो रहे प्रयासों की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने प्रतिभा पाटिल को फोन किया, उनसे भी महामारी को लेकर चर्चा की। इस क्रम में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा को भी फोन कर स्थिति से अवगत कराया और उनकी राय मांगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दो पूर्व राष्ट्रपतियों प्रणब मुखर्जी और प्रतिभा पाटिल को कोरोना वायरस पर चर्चा के लिए बुलाया।
बताया जा रहा है कि पीएम मोदी ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी बातचीत की। उनके अलावा समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, बीजू जनता दल सुप्रीमो और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, डीएमके चीफ एम के स्टालिन और तेलंगाना के सीएम केसीआर से भी फोन पर बात की। उन्होंने अकाली दल के सीनियर नेता प्रकाश सिंह बादल से भी फोन चर्चा की है। सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने सभी से बातचीत के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताया और साथ ही उनके सुझाव भी मांगे।
कोरोना वायरस से निपटने के लिए मोदी सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं। इनमें से एक 21 दिनों का लॉकडाउन भी है। लेकिन लॉकडाउन और प्रधानमंत्री के संबोधनों की कुछ विपक्षी दल आलोचना कर रहे हैं। इसलिए पीएम मोदी आठ अप्रैल को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये उन सभी दलों के नेताओं से बात करेंगे जिनकी संसद में कम से कम संख्या पांच है। जाहिर है कि विपक्षी नेताओं से चर्चा के जरिये राजनीतिक एकजुटता दर्शाने की कोशिश होगी। वैसे बता दें कि यूं तो सभी राज्य केंद्र के साथ ताल से ताल मिलाकर कोरोना से जंग कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस समेत कुछ दल लॉकडाउन की आलोचना भी कर रहे हैं। शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने देश की एकजुटता के लिए गरीबों के नाम हर किसी से एक दिया जलाने का आह्वान किया, तो विपक्षी दलों की ओर से घोर विरोध हुआ। कुछ ने इसका उपहास भी उड़ाया।
देश पर आए कोरोना वायरस के संकट के मद्देनर प्रधानमंत्री सभी राज्यों के साथ समन्वय के लिए दो बार मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर चुके हैं। पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या जरूर तेजी से बढ़ी है, लेकिन भारत अभी भी दूसरे कई देशों से बेहतर स्थिति में दिख रहा है। विशेषज्ञ इसका एक बड़ा कारण लॉकडाउन को मान रहे हैं। यह भी ध्यान देने योग्य है कि यह चर्चा लॉकडाउन की अंतिम तिथि 14 अप्रैल से एक सप्ताह पहले होगी और तब तक कई स्थितियां साफ हो सकती हैं। वहीं, विपक्षी नेताओं की ओर से लॉकडाउन अवधि बढ़ाने आदि पर सवाल पूछे जा सकते हैं। हाल ही में संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि सिर्फ उन्हीं दलों के फ्लोर नेताओं को चर्चा के लिए बुलाया गया है जिनकी संख्या कम से कम पांच है।