Punjab media news : PM नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार के नौ साल पूरे होने पर भाजपा ने कहा- 9 साल: सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण. पीएम मोदी की सरकार का 10वां साल सबसे चुनौतीपूर्ण होगा. पीएम मोदी लगातार तीसरी बार बीजेपी को बहुमत से सत्ता में लाकर उस करिश्मे को दोहराने की कोशिश कर रहे हैं, जो अब तक केवल प्रधानमंत्री के रूप में जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ही कर सके हैं. बीजेपी के ‘विपक्षी एकता’ की कोशिश के साथ ही कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में चुनावी हार एक नई चुनौती बनकर उभरी है. लेकिन भाजपा को यकीन है कि उसके पास 2024 में केंद्र सरकार बनाने का तीन स्तंभों पर टिका चुनावी फॉर्मूला है- जिसमें राष्ट्रवाद, हिंदुत्व और गवर्नेंस और वेल्फेयर का मोदी मॉडल शामिल है.
बीजेपी के एक बड़े नेता ने पिछले हफ्ते बताया कि “हमें बड़ा फोकस इस बात पर करना है कि ‘मोदी सरकार ने लोगों के जीवन में बड़े बदलाव कैसे लाए और गरीबों का उत्थान किया है.’ पीएम मोदी ने रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद एक बैठक में भाजपा के मुख्यमंत्रियों को भी यही मंत्र दिया. बीजेपी के बड़े नेता ने कहा कि राज्यों के चुनावों को लोकसभा चुनाव से पहले ‘सेमीफाइनल’ नहीं माना जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि कैसे बीजेपी 2018 में कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश या छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने में विफल रही. मगर जल्द ही 2019 के लोकसभा चुनाव में इन सभी राज्यों में जीत हासिल की.
राज्य के चुनावों में फ्रीबी चुनौती
बीजेपी नेता ने कहा कि जब हम एक राज्य जीतते हैं, तो हम इसे लोकसभा चुनाव से नहीं जोड़ते हैं. जिसमें लोग किसी अस्थिर विपक्षी गठबंधन के बजाय देश का मजबूती से नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री के रूप में मोदी को चुनते और उन पर भरोसा करते हैं. मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर 244 पन्नों की एक पुस्तिका संक्षेप में साफ करती है कि कैसे पीएम मोदी ने ’14 प्राथमिकताओं’ पर ध्यान केंद्रित किया है. भाजपा के लिए सबसे विकट चुनौतियों में से एक राज्य के चुनावों में मतदाताओं को लुभाने के लिए कांग्रेस द्वारा अपनाया गया नया ‘फ्री गिफ्ट’ मॉडल है. जिसका उसे कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में फायदा हुआ.