पाकिस्तान सरकार ने पेट्रोलियम के उत्पादों की क़ीमत में भारी कटौती की घोषणा की है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की पार्टी ‘पाकिस्तान तहरीक़े इंसाफ़’ ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया है कि ‘अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमतें कम हो रही हैं, इसलिए पाकिस्तान सरकार ने मई महीने के लिए पेट्रोलियम उत्पादों की क़ीमत कम कर दी है ताकि आम लोगों को इससे कुछ लाभ मिल सके.’
Today Petrol Price in India / पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार बुधवार को देश की ऑयल एंड गैस रेग्युलेटरी अथॉरिटी (OGRA) ने पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्रालय से यह अनुरोध किया था कि ‘अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमतें कम हो रही हैं, इसलिए देश में भी तेल की क़ीमतें कम की जाएं.’
पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक़ एक मई 2020 से देश में नई क़ीमतें लागू हो चुकी हैं जिसमें पेट्रोल पर 15 रुपए, हाई स्पीड डीजल पर 27.15 रुपए, मिट्टी के तेल पर 30 रुपए और लाइट डीजल ऑयल पर 15 रुपए कम किए गए हैं.
यानी जो एक लीटर पेट्रोल पहले 96 रुपए का मिल रहा था, अब 81 रुपए लीटर हो गया है. वहीं हाई स्पीड डीजल की क़ीमत पहले 107 रुपए लीटर थी, जो अब घटकर 80 रुपए प्रति लीटर हो गई है.
Petrol Price / फ़ैसले पर दो तरह के विचार
सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के कुछ लोग सरकार के इस फ़ैसले की तारीफ़ कर रहे हैं. वो लिख रहे हैं कि ‘कोविड-19 महामारी की वजह से जो अतिरिक्त आर्थिक दबाव उन पर बना है, तेल की क़ीमतें कम होने से उसमें थोड़ी राहत मिलेगी.’
लेकिन आर्थिक मामलों के कुछ जानकार सरकार के इस फ़ैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बता रहे हैं.
पाकिस्तान के नामी अर्थशास्त्री, डॉक्टर कैसर बंगाली ने लिखा है कि ‘हर बार तेल की क़ीमत कम होने के साथ महंगाई या सार्वजनिक परिवहन की क़ीमतों में कोई कमी नहीं आती. उपभोक्ताओं का मुनाफ़ा एक झूठा प्रचार है जो तेल बेचने वाली कंपनियाँ अपनी सेल बढ़ाने के लिए करती हैं.’
डॉक्टर कैसर बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार रह चुके हैं और सिंध सरकार के आर्थिक विकास सलाहकार भी रहे हैं.
उन्होंने ट्वीट किया है, “पेट्रोल के दाम कम करने से सिर्फ़ तेल बेचने वाली कंपनियों का मुनाफ़ा होता है. तेल की क़ीमत कम नहीं होनी चाहिए. बल्कि सरकार अगर तेल को पुरानी दरों पर ही बेचे, तो उससे जो मुनाफ़ा होगा, सरकार उसे अपने क़र्ज़ चुकाने, उत्पादों के जीएसटी रेट कम करने में लगाए जिससे उद्योगों और रोज़गार को प्रोत्साहन मिले.”