Punjab media news : पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डूबने (Pakistan Economic Crisis) की कगार पर पहुंचती जा रही है. फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान धीरे-धीरे श्रीलंका बनने की ओर बढ़ रहा है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दिन पर दिन गिरती जा रही है. साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी आई है जिसके चलते विदेशों से आने वाले सामान के सैकड़ों कंटेनर बंदरगाह पर अटके हैं. पाकिस्तानी रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है. पाकिस्तान के हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि वह अपने सहयोगियों से भीख मांगता नजर आ रहा है हालांकि इस बदतर स्थिति से निकलने के लिए पाकिस्तान को उनका साथ भी नहीं मिल पा रहा है.
पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार भी इससे निपटने में अक्षम नजर आ रही है. पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए कई देशों ने वादा तो किया था लेकिन ये कब मिलेगा इसकी कोई जानकारी नहीं है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी पाकिस्तान की मदद के लिए कुछ शर्त रखी है इसे लेकर पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल का कहना है कि ‘अगर हम आईएमएफ की शर्तें मान लेतें हैं तो सड़कों पर दंगे हो सकते हैं.
पाकिस्तान में बिजली की कटौती भी आम हो गई है. सोमवार को पाकिस्तान में करीब 12 घंटे के लिए बिजली गुल हो गई थी. इसके चलते पाकिस्तान में कपड़ा निर्माता भी काम करने के घंटों में कटौती कर रहे हैं. पाकिस्तान के कपड़ा कारखाने या तो बंद हो रहे हैं या फिर वहां दिन भर में कुछ ही घंटे काम हो रहा है.
श्रीलंका जैसे हाल में पहुंच रहा पाकिस्तान
विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति अस्थिर होती जा रही है, नौबत ऐसी आ गई है कि पाकिस्तान की हालत श्रीलंका जैसी होने वाली है, जहां विदेशी भंडार की कमी से आवश्यक वस्तुओं में भारी कमी आ गई है. पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल ने फाइनेंशियल टाइम्स को बताया कि देश ने विदेशी मुद्रा बचाने के लिए आयात को “भारी” रूप से कम कर दिया है.
श्रीलंका पिछले एक साल से उस संकट से जूझ रहा है, जिसे व्यापक रूप से सबसे खराब आर्थिक संकट कह सकते हैं। कोलंबो ने जुलाई में दिवालिया घोषित कर दिया था और अभी भी संकट से बाहर निकलने के लिए काम कर रहा है। मार्च में संकट के चरम पर श्रीलंका को भी 26 सालों में सबसे लंबी बिजली कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ा था.