पंजाब मीडिया न्यूज़, नई दिल्ली: एक देश-एक चुनाव’ के मुद्दे पर रिपोर्ट जल्द ही पेश की जाएगी, इसके प्रस्तावना लॉ कमीशन की बैठक में चर्चा का विषय बन गया है। इस समिति के द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के मुद्दों को लेकर कोई निर्धारित समय सीमा तय नहीं की गई है, लेकिन समिति ने अपने काम की शुरुआत कर दी है।
राष्ट्रीय विधि आयोग ने आज तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा ‘एक देश-एक चुनाव’ था। सूत्रों के मुताबिक, इस मुद्दे के समाधान के लिए और भी कुछ समय और तैयारी की आवश्यकता है और इसके बाद अन्य चर्चाओं की आवश्यकता होगी। इसके लिए कुछ संवैधानिक संशोधनों की भी आवश्यकता होगी, हालांकि रिपोर्ट जल्द ही प्रस्तुत की जाएगी।
22वें लॉ कमीशन के अध्यक्ष ऋतु राज अवस्थी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में, पोक्सो एक्ट के तहत सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र को 18 साल से घटाकर 16 साल करने और ऑनलाइन एफआईआर से जुड़े दिशानिर्देश बनाने पर चर्चा की गई।
राष्ट्रीय विधि आयोग ने पहले ही ‘एक देश-एक चुनाव’ के बारे में एक ड्राफ्ट तैयार किया था, जिसे अब अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। 21वें विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बीएस चौहान ने भी ‘एक देश-एक चुनाव’ को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें बताया गया था कि इसे लागू करने से पहले जमीनी स्तर पर बड़ी तैयारी करनी होगी, और इसके लिए सभी राजनीतिक दलों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है। ‘एक देश-एक चुनाव’ के अंतिम सुझाव को पेश करने से पहले ही 21वें विधि आयोग का कार्यकाल समाप्त हो गया था।
इस चर्चा में एक देश-एक चुनाव के मुद्दे को फिर से उजागर किया गया है। 23 सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अध्यक्षता वाले पैनल ने इस मुद्दे पर अपनी पहली बैठक की थी, जिसमें समिति के सदस्य केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गुलाम नबी आजाद, पंद्रहवें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष सी कश्यप और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल थे।
समिति की ओर से जल्द ही सरकार को सिफारिश करने की उम्मीद है, जैसे ही ‘एक देश-एक चुनाव’ के मुद्दे का समाधान तैयार होगा।”