Punjab media news : दिल्ली में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) की बैठक में 38 पार्टियों ने हिस्सा लिया। जबकि पंजाब से NDA का हिस्सा रही शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने मीटिंग में दूरी बनाए रखी। हालांकि शिरोमणि अकाली दल (बादल) से टूट कर बनी शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के प्रमुख सुखदेव सिंह ढींडसा बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे।
BJP ने पंजाब में सुखदेव सिंह ढींडसा की पार्टी शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) को NDA की मीटिंग में भाग लेने के लिए निमंत्रण भेजा था, लेकिन अपने पुराने घटक दल शिरोमणि अकाली दल (बादल) को निमंत्रण नहीं भेजा। इसके पीछे की वजह किसान कानून के चलते गठबंधन को तोड़ना माना जा रहा है।
गठबंधन की कोशिश सिरे नहीं चढ़ी
बेशक नेता बाहर आकर जो मर्जी कहें, लेकिन अंदरखाते दोनों दलों में गठबंधन को लेकर कशमकश चली थी। दोनों पार्टियों का पूरा विचार पुनः गठबंधन का था। क्योंकि दोनों ही दलों को अपने बलबूते पर अपनी सर्वाइवल नजर नहीं आ रही है। लेकिन दोनों ही पार्टियों के भीतर गठबंधन का विरोध हो जाने के कारण बात सिरे नहीं चढ़ पाई थी।
बसपा के साथ रहेगा अकाली दल
पिछले दिनों जब शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के बीच दोबारा फिर से गठबंधन की चर्चा चली थी तो उसके बाद वैसे सुखबीर बादल ने साफ कर दिया था वह बहुजन समाज पार्टी के साथ रहेंगे। लेकिन बीच में भाजपा के पंजाब प्रभारी ने अपनी अमृतसर यात्रा के दौरान थोड़ा सा हिंट जरूर दिया था कि राजनीति में सब संभव है।
अब NDA की मीटिंग का निमंत्रण न भेजने से सारी स्थिति स्पष्ट हो गई है कि भाजपा पंजाब में अब अकाली दल संयुक्त के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी।