Locust Attack In MP Update | Tiddi Dal Reaches Balaghat Betul, Damage Crops In Damoh Katni Jabalpur Hoshangabad Sehore Mandsaur
- दमोह और कटनी में कई गांवों में गर्मी की फसल को बड़ा नुकसान पहुंचाकर दूसरे जिलों में पहुंचा टिड्डी दल
- बालाघाट में 40 हजार हेक्टेयर में गर्मी की फसल लगाई गई है, जिसे टिड्डी दल नुकसान पहुंचा सकता है
पंजाब मीडिया न्यूज़ (Punjab Media News)
जबलपुर/कटनी/सीहोर/दमोह/बैतूल/बालाघाट. मध्य प्रदेश के सीहोर, मंदसौर, नीमच, रतलाम, खंडवा, सागर में तबाही मचाने के बाद टिड्डी दल ने गुरुवार को जबलपुर, दमोह, कटनी और बैतूल में फसलें बर्बाद कीं। इससे पहले मंगलवार शाम सागर जिले के देवरी से भगाया गया टिड्डी दल दमोह जिले में पहुंचा। बुधवार को दिनभर यहां उत्पात मचाने के बाद शाम को पटेरा के गांव से पन्ना के रैपुरा की ओर मुड़ गया। रात में कटनी जिले के रीठी के जंगलों में पहुंचा। इस बीच, बालाघाट के करीब 35 गांवों में टिड्डियों ने हमला कर दिया।
Locust Attack दमोह: 50 गांवों में टिड्डी दल ने नुकसान किया
जिले के अभाना में टिड्डी दल ने 50 गांवों में फसलों और सब्जियों को नुकसान पहुंचाया। यहां अभाना समेत जबेरा और नोहटा में किसान और प्रशासन अलर्ट माेड पर थे। इसलिए टिड्डी दल कहीं भी ज्यादा नहीं टिक पाया। डीजे और लाउड स्पीकर की तेज आवाज और फायर ब्रिगेड द्वारा पानी की बौछारों किए जाने के बीच टिड्डी दल को वहां से भगाया गया।
इसके बाद टिड्डी दल रात करीब 8 बजे पन्ना जिले से कटनी जिले की सीमा में प्रवेश कर गया। इसने रीठी के उदाना नयाखेड़ा में डेरा जमाया। किसानों की उड़द-मूंग की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया। किसानों ने भगाने के लिए कई तरह के प्रयास किए। फायर ब्रिगेड की मदद से शीघ्र ही नियंत्रण पा लिया गया।
Locust Attack बालाघाट: महाराष्ट्र से बालाघाट पहुंचे टिड्डी दल का 35 गांवों में हमला
कृषि विभाग ने किसानों को टिड्डी दल के आने पर दवाइयों के साथ अन्य जरूरी सावधानी को लेकर सचेत कर दिया है। बालाघाट उपसंचालक कृषि सीआर गौर ने बताया कि टिड्डी दल जिले की खैरलांजी तहसील के चिचोली गांव में प्रवेश कर गया है। गौर ने किसानों से खेत में लगी फसल की सुरक्षा के लिए ढोल, ड्रम या अन्य साधन से तेज ध्वनि और कीटनाशक का छिड़काव भी करने की अपील की।
टिड्डी दल महाराष्ट्र के भंडारा जिला के तुमसर तहसील से आया है। यहां से बालाघाट जिले की दूरी करीब 90 किमी है। जिले के करीब 40 हजार हेक्टेयर में गर्मी की फसल लगाई गई है। टिड्डी दल पड़ोसी जिले के रास्ते यहां पहुंचने से किसानों की फसल को नुकसान होगा।
Locust Attack बैतूल: टिड्डियों को मारने के लिए 4 फायर ब्रिगेड से छिड़का कीटनाशक
जिले में टिड्डियों के दो दलों ने हमला किया। पहला दल भैंसदेही के गोरेगांव पहुंचा। यहां पर प्रशासन और किसान टिड्डियों को भगाने में लगे थे कि इसी बीच खबर आई कि आठनेर ब्लॉक के भैंसाघाट में टिड्डियों के दूसरे दल ने अटैक किया है। यह दूसरा मौका है जब जिले में टिड्डी दल ने हमला किया हो।
इससे पहले भीमपुर ब्लॉक के 6 गांव में टिड्डी दल ने हमला करके फसल को नुकसान पहुंचाया था। रातभर गोरेगांव में टिड्डी दल को मारने और भगाने की कवायद की गई। टिड्डियों की संख्या अधिक होने के कारण रात में आठनेर और बैतूल समेत कुल चार फायर ब्रिगेड बुलवाकर कीटनाशक का छिड़काव किया गया।
इससे कुछ टिड्डियां मर गईं तो कुछ आमला, सिवनपाट, बोथिया होते हुए पूर्व दिशा की ओर भाग गईं। वहीं, किसानों ने खेत में धुआं, ढोल और थालियां बजाकर टिड्डियों को भगाने का प्रयास किया। इस बीच, रात में आठनेर ब्लॉक में भी दूसरे टिड्डी दल ने अटैक कर दिया। इस दल ने भैंसाघाट होते हुए आठनेर ब्लॉक में प्रवेश किया। वर्तमान में टिड्डी दल आठनेर ब्लॉक के मांडवी में है।
Locust Attack कटनी : रीठी में टिड्डियों को भगाने के लिए लोग जुटे
रीठी तहसील क्षेत्र के बड़गांव और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में टिड्डियों का दल पहुंच गया। यहां ग्रामीण ढोल और तालियां बजाकर टिड्डियों को भगा रहे हैं। लाखों की संख्या में टिड्डियों का दल वहां से निकला। ग्रामीण खेतों में डटे हैं। टिड्डियों का दल जब गांव में घुसा तो कुछ ही देर में ग्रामीण थाली बजाकर शोर करने में जुट गए। इसके बाद टिड्डी दल रीठी और कटनी की ओर बढ़ गया है।
Locust Attack सीहोर : रेहटी के गांवों में पहुंचा टिड्डी दल
टिड्डी दल सीहोर की रेहटी तहसील के गांवों में पहुंचा। रेहटी के पटत्तलाई, झोलियापुर, बारदा, नरेला, कोठरा, चक्लदी समेत अन्य गांवों में पहुंचने पर किसानों को बड़ी चिंता सता रही है। किसानों द्वारा ढोल, थाली, पटाखे और स्प्रे किया जा रहा है। मूंग की फसल के फल-फूल पर नुकसान है।
यह टिड्डी दल जहां रात रूक जाता है। जिस फसल या पौधे पर बैठ जाता है, सारी जगह चट कर जाता है। किसानों ने घर छोड़कर अपना डेरा खेतों में जमा लिया है। उन्हें इस बात का भय सता रहा है कि टिड्डी दल हमारे खेतों में बैठ गए तो फसलें चौपट ना कर दें।
Locust Attack पाकिस्तान के जवाब का इंतजारः सूत्र
टिड्डी दल से जुड़े मामले पर सरकारी सूत्रों ने बताया कि टिड्डियों के हमले से जुड़े मसलों पर पाकिस्तान से बातचीत के लिए एक स्थानीय चैनल हैं, जो हर साल जून में सक्रिय होती है। परिस्थितियों को देखते हुए भारत ने इस चैनल को समय से पहले एक्टिव होने के लिए कहा था मगर अभी तक पाकिस्तान की ओर से इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।