नई दिल्ली (ब्यूरो)-ब्लैक फंगस के कारण कई राज्यों में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। सरकारें इस बीमारी पर जीत सुनिश्चित करने के लिए दिन रात जुटी हुई हैं।इलाज में काम आने वाली दवाई एंफोटेरिसिन-बी के उत्पादन पर भी काम चल रहा है।
यूपी में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। अब तक इसके करीब आठ मरीज दम तोड़ चुके हैं। हालांकि, राहत की बात है कि अब सरकार ने ब्लैक फंगस की दवा एम्फोटेरीसीन-बी उपलब्ध कराने की बात कही है। मेरठ में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है। बुधवार को 19 नए केस मिलने से ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 73 पहुंच गई है।
ब्लैक फंगस ज्यादातर उन्हीं मरीजों में देखने को मिला है जो कि डायबिटीज से पीड़ित हैं. ऐसे मरीजों को डायबिटीज पर कंट्रोल रखना चाहिए। विशेषज्ञों के मुताबिक ब्लैक फंगस के कारण सिर दर्द, बुखार, आंखों में दर्द, नाक बंद या साइनस के अलावा देखने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।
मेडिकलनेट के अनुसार, दो सबसे आम फंगल संक्रमण एस्परगिलोसिस और आक्रामक कैंडिडिआसिस हैं। अन्य में म्यूकरमाइकोसिस और हिस्टोप्लाज्मोसिस और कैंडिडा ऑरिस संक्रमण शामिल हैं। फंगल इंफेक्शन हवा में फंगस के सांस लेने से होता है।
कानपुर में ब्लैक फंगस के रोगी बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में लगातार बारिश ने और मुसीबत खड़ी कर दी है। बारिश की वजह से वातावरण में नमी का प्रतिशत बढ़ गया है।