लुधियाना | देश के कई राज्यों में गर्मी अपना कहर बरपा रही है। अप्रैल महीने में ही मई-जून जैसी गर्मी महसूस हो रही है। गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की डिमांड भी बढ़ने लगी ,है क्योंकि लोगों ने घरों में एसी और कूलर चलाने शुरू कर दिए हैं। बिजली की डिमांड बढ़ने के साथ ही कोयले की किल्लत आने लगी है, जिसके चलते पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, गोवा व कर्नाटक आदि राज्यों में बिजली संकट गहराने लगा है और 8 से 10 घंटे तक कट लगने शुरू हो गए हैं।
देश में अप्रैल के पहले पखवाड़े में बिजली की मांग पिछले 38 सालों के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। इसी बीच यूक्रेन संकट के कारण आयातित कोयले की आपूर्ति पर असर पड़ने लगा। यही कारण देश के ताप बिजली घरों में कोयला का स्टॉक तेजी से घटने लगा। आमतौर पर कोयला संयंत्रों को पूर्ण क्षमता से चलाने के लिए 26 दिन का स्टॉक जरूरी है, लेकिन कोयले की प्रचूरता वाले राज्यों को छोड़कर अन्य राज्यों में भारी किल्लत हो गई। राष्ट्रीय स्तर पर देखें तो यह 36 फीसदी रह गया।