पंजाब मीडिया न्यूज़, नई दिल्ली : Hydrogen Fuel Bus, आज, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इतिहास रच दिया, जब उन्होंने दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भारत की पहली ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस का लॉन्च किया। इस महत्वपूर्ण कदम ने ग्रीन एनर्जी और ग्रीन मोबिलिटी के क्षेत्र में भारत को नई दिशा देने का संकेत दिया है।
भारत की पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस
इस बड़े कदम के तहत, दो ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल सेल बसें शामिल हैं, जो भारतीय सड़कों पर अपनी यात्रा करेंगी। ये बसें लगभग 3 लाख किलोमीटर की दूरी तय करने की क्षमता रखती हैं, और इससे वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
ग्रीन हाइड्रोजन: एक नया ऊर्जा स्रोत
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र मंत्रालय ने प्रस्तावित बस लॉन्च के साथ जनरेट होने वाले डेटा के महत्व को बताया है। इस डेटा का उपयोग भारत के ग्रीन हाइड्रोजन बेस्ड जीरो एमिशन मोबिलिटी मिशन में किया जाएगा, जिससे प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल पेट्रोलियम रिफाइनिंग, फर्टिलाइजर प्रोडक्शन, और स्टील मैन्युफैक्चरिंग जैसे फॉसिल फ्यूलों की जगह किया जा सकता है।
आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट को “आत्मनिर्भर आर्थिक मार्ग” की कैपेसिटी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना है। ग्रीन हाइड्रोजन और रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स का उपयोग करने से भारत ने एक स्वच्छ और आत्मनिर्भर ऊर्जा स्रोत की दिशा में कदम बढ़ाया है। इससे फॉसिल फ्यूलों के उपयोग को कम करने का भी संकेत मिल रहा है।
हाइड्रोजन फ्यूल सेल की ताकद
ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस के लिए उनिके गुण भी हैं। इस बस को चलाने के लिए भारत में पहली बार 350 बार के दबाव पर स्टोर किया गया है। इंडियन ऑयल ने दिल्ली, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश के सिलेक्ट रास्तों में 15 बसों के साइंटिफिकली डिजाइन कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिससे इन बसों का प्रोटोटाइप टेस्ट होगा।
ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की तकनीक
इंडियन ऑयल ने फरीदाबाद में एक मार्डन डिस्ट्रीब्यूशन फैसिलिटी की स्थापना की है, जो सोलर PV पैनल्स का इस्तेमाल करके इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से ग्रीन हाइड्रोजन को फ्यूल सेल में भरने में सक्षम है। इस तकनीक का उपयोग करके ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान किया जा सकेगा।
ग्रीन हाइड्रोजन: एक सफ़ाई ऊर्जा स्रोत
ग्रीन हाइड्रोजन एक सफ़ाई ऊर्जा स्रोत है, जिससे प्रदूषण का कोई प्रभाव नहीं होता। यह ऊर्जा स्रोत पानी से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग करने की प्रक्रिया के माध्यम से बनाया जाता है, जिसमें इलेक्ट्रोलाइजर का उपयोग होता है। इसे रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स जैसे सोलर और हवा का उपयोग करके तैयार किया जाता है।
ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग के क्षेत्र
ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग ट्रांसपोर्ट, केमिकल उद्योग, और इसके अलावा आयरन इंडस्ट्री जैसे कई उद्योगों में किया जा सकता है। यह एक साफ़, सस्ती, और उपयोगित ऊर्जा स्रोत है, जो आने वाले समय में हमारे लिए सुरक्षित और प्राकृतिक विकल्प प्रदान कर सकता है।
Frequently Asked Questions (FAQs)
Q1: हाइड्रोजन फ्यूल सेल क्या होता है?
A1: हाइड्रोजन फ्यूल सेल एक प्रक्रिया है जिसमें पानी से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग किया जाता है और इसका उपयोग सफ़ाई ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जाता है।
Q2: कैसे होता है हाइड्रोजन फ्यूल का उत्पादन?
A2: हाइड्रोजन फ्यूल का उत्पादन इलेक्ट्रोलाइजर के माध्यम से किया जाता है, जिसमें रिन्यूएबल ऊर्जा स्रोतों का उपयोग होता है, जैसे कि सोलर और हवा।
Q3: हाइड्रोजन फ्यूल का क्या उपयोग हो सकता है?
A3: हाइड्रोजन फ्यूल का उपयोग ट्रांसपोर्ट, केमिकल उद्योग, और आयरन इंडस्ट्री जैसे कई उद्योगों में किया जा सकता है।
Q4: क्या हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस भारत में पहली बार चलाई जा रही है?
A4: हां, इस बार भारत में पहली बार हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस चलाई जा रही है।
Q5: कैसे होगा ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन?
A5: ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन सोलर PV पैनल्स के माध्यम से इलेक्ट्रोलिसिस के द्वारा किया जा सकता है।
Q6: हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस का उपयोग क्यों महत्वपूर्ण है?
A6: हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस का उपयोग प्रदूषण को कम करने और सफ़ाई ऊर्जा के स्रोत को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
भारत ने ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, और इससे आत्मनिर्भरता और प्रदूषण कमी की दिशा में कदम बढ़ाया है। इस पहल के साथ, भारत के ग्रीन मोबिलिटी मिशन को भी मजबूती मिली है, जिससे आने वाले समय में हमारे लिए स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा के स्रोत की उम्मीद है।
इसके साथ ही, हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस का लॉन्च भारत में एक नए ऊर्जा क्रांति की शुरुआत है, और यह वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा, जो हमारे पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।