नई दिल्ली (मनप्रीत सिंह खालसा): दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को सर्वदलीय बैठक बुलाने में 8 महीने लग गए जबकि कोविड-19 जैसे संवेदनशील मामले पर दिल्ली की स्थिति को सुधारने के लिए तुरंत ही सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी। चौ. अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार का बाजारों में लॉकडाउन लगाने को दिल्ली कांग्रेस जायज नही मानती, क्योकि व्यापारी वर्ग पिछले 8 महीनों से लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे है। सर्वदलीय बैठक में चौ. अनिल कुमार के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष श्री जय किशन ने भी हिस्सा लिया।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि लॉकडाउन की जगह बाजारों में कोविड प्रोटोकॉल के तहत दिशा निर्देशों का पालन कराए जाए, क्योकि व्यापारी वर्ग लॉकडाउन को सहने की स्थिति में नही है। चौ. अनिल कुमार ने अरविन्द सरकार के मास्क न पहनने पर जुर्माने को 500 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये करने को भी गलत करार दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को जुर्माना लगाने की जगह जागरुकता अभियान चलाना चाहिए क्योंकि जुर्माना राशि बढ़ाने से दिल्ली सरकार अपना खजाना भरना चाहती है, लेकिन इसके साथ-साथ भ्रष्टाचार भी बढ़ेगा। चौ. अनिल कुमार ने दिल्ली सरकार द्वारा मास्क न पहनने पर लगाए गए बढ़े हुए जुर्माने को तुरंत वापस लिया जाए।
आज दिल्ली सचिवालय में आयोजित सर्वदलीय बैठक में प्रदेश अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने प्रदेश कांग्रेस की ओर यह मांग की कि प्राईवेट लैब में होने वाले RT-PCR कोविड टेस्ट दिल्लीवासियों के लिए निशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जाऐ। चौ. अनिल कुमार ने यह भी मांग की कि राजधानी में बढ़ते कोविड मामलों को देखते हुए टेस्टों की संख्या बढ़ाकर प्रतिदिन 2 लाख टेस्ट किए जाए जिनमें अधिक संख्या में RT-PCR टेस्ट किए जाने चाहिए और RT-PCR टेस्ट की रिपोर्ट 24 घंटे के बीच में आनी सुनिश्चित की जाए, कोविड मरीजों के जल्दी इलाज शुरु हो सके।
बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने यह भी सुझाव दिए कि लॉकडाउन के कारण लोगों के रोजगार और व्यापार अधिक प्रभावित होने के कारण अजीविका के लिए जूझ रहे है। कांग्रेस पार्टी की न्याय योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 72,000 रुपये वार्षिक आर्थिक मदद दी जानी चाहिए और दिल्ली के कंटेन्मेन्ट जोन में आने वाले परिवारों को 10,000 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से विशेष आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए। दिल्ली सरकार के शादी समारोह में 200 की जगह 50 लोगों के शामिल होने के आदेश के कारण परिवार को होने वाले आर्थिक नुकसान के लिए सरकार परिवारों को मुआवजा दे।
बैठक में चौ. अनिल कुमार ने दिल्ली में छठ पूजा के आयोजन के संशय पर भी प्रदेश कांग्रेस की ओर से सलाह देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार लोगों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखकर छठ पर्व मनाने की अनुमति हेतू दिल्ली उच्च न्यायालय में एक पुर्नविचार याचिका दायर करे। याचिका में यदि सरकार कोविड-19 के गाईड लाईन्स का पालन कराने और छठ घाटों पर उचित व्यवस्था की जिम्मेवारी ले तो माननीय उच्च न्यायालय छठ पर्व को मनाने की अनुमति दे सकता है। चौ. अनिल कुमार ने कहा कि छठ के घाटों पर सभी सुविधाएं मुहैया कराकर पूर्वाचंलवासियों की धार्मिक आस्था को देखते हुए दिल्ली के घाटों पर छठ पर्व पारम्परिक रुप से मनाने की इजाजत दी जानी चाहिए।
चौ. अनिल कुमार ने यह भी सुझाव दिए कि कंटेन्मेन्ट जोन में सभी संभावित मरीजों की पहचान की जानी चाहिए, हाई रिस्क मरीजों बुर्जुग, बीमार, गर्भवती महिलाऐं की समय पर पहचान करके टेसि्ंटग सरकारी स्तर पर सुनिश्चित करके इलाज कराया जाए। यदि निजी अस्पतालों में टेस्टिंग के लिए भेजा जाए तो सरकार इसका खर्च वहन करे।
चौ. अनिल कुमार ने यह भी सुझाव दिया कि बढ़ते कोविड मरीजों को देखते हुए कुछ गिने चुने अस्पतालों की जगह दिल्ली के सभी अस्पतालों में ICU बेड बढ़ाए जाए और और अस्पतालों की व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवा दुरस्त करने के लिए केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, निगमों व इनके संबधित विभागों की बीच समन्वय सुनिश्चित हो।
आज जब प्रतिदिन कोविड केस प्रतिदिन 7-8 हजार सामने आ रहे है सेनिटाईजेशन का काम लगभग ठप्प पड़ा दिखाई दे रहा है, सभी सार्वजनिक स्थलों, निजी वाहनों, डीटीसी बसों में सेनिटाईजेशन पूर्णतः सुनिश्चित किया जाए। सार्वजनिक परिवहन खासकर बसों, मेट्रो में सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन हो तथा निजी बंद स्कूलों की बसों का उपयोग सार्वजनिक परिवहन में किया जा सकता है।