नई दिल्ली (मनप्रीत सिंह खालसा): श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के द्वारा शिरोमणी कमेटी की स्थापना की शताब्दी के मौके हुए समागम के दौरान कल अमृतसर में दिए गए ब्यान के गहरे अर्थों को समझने की जागो पार्टी ने अपील की हैं। पार्टी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने आज मीडिया से बातचीत करते हुए जत्थेदार के ब्यान को एक तरह से शिरोमणी अकाली दल को आईना दिखाने वाले ब्यान के तौर पर परिभाषित किया। जीके ने कहा कि जत्थेदार ने अकाली दल को ‘पंथ टू पंजाब’ चलने की हिदायत सही दी हैं। क्योंकि जत्थेदार को पता है कि अकाली दल पंथ व पंजाब के साथ नहीं हैं और पंजाब की सत्ता के लिए पंथ जरूरी हैं। जीके ने कहा कि जब पंथ ने अकाली दल को पंजाब सौंपा था, तब तो यहीं लोग पंथ को मारने तथा अपने व्यापार को उभारने के लिए पंजाब का इस्तेमाल कर रहें थे। इसलिए अब पंथ इनके झाँसे में नहीं आना वाला। 30 साल से बादल परिवार ने अकाली दल, पंजाब व पंथ को अपनी निजी जागीर बना रखा था। जिसे अब जत्थेदार के द्वारा अप्रत्यक्ष तरीके से स्वीकार करके बादलों को नसीहतें दी जा रही है।