देश में कोरोनावायरस के दस्तक देने के बाद आम लोगों में दहशत का माहौल है। दूसरी तरफ कोरोना के नाम पर दवाइयों के दाम में 25 से 45 फीसदी तक का उछाल आ चुका है। इसका फायदा लेकर कुछ दवा विक्रेता दवाओं को मनमाने दाम पर बेच रहे हैं। अगर कोरोना का कहर इसी तरह जारी रहा तो दवाइयों व अन्य सामान के दाम में कई गुणा तक इजाफा हो सकता है। चीन से आयात पूरी तरह से बंद हो चुका है। वहीं, जिनके पास कुछ स्टाक पड़ा है, वह अपने माल को मनमाने दाम पर बेच रहे हैं। कोरोनावायरस से बचाव के लिए मास्क लगाने को जरूरी बताया जा रहा है। ऐसे में मास्क की मांग एक दम से बढ़ गई है। आलम यह है कि पंजाब की सबसे बड़ी दवा की होलसेल मार्केट में मास्क का स्टाक खत्म होने के कगार पर पहुंच चुका है। होलसेल में मात्र 25 पैसे में मिलने वाला मास्क ग्राहकों को 25 रुपये तक बेचा जा रहा है।
मास्क में एन-95 को सबसे अच्छा माना जाता है। होलसेल मार्केट में जहां पहले इसका दाम महज 120 रुपये था, अब इसके दाम 160 रुपये पहुंच गया है। जबकि रिटेल में इस मास्क को तीन सौ रुपये तक बेचा जा रहा है। जिन लोगों के पास मास्क स्टॉक में पड़े थे, उन्होंने दाम बढ़ने के इंतजार में इसकी बिक्री बंद कर दी है।कुछ यही हाल दवा मार्केट का है। आम घरों में बुखार के समय प्रयोग की जाने वाली जिस टेबलेट का होलसेल में पहले दाम 16 रुपये प्रति पत्ता था, जो अब बढ़कर 25 रुपये हो चुका है। रिटेल में इस दवा को 33 रुपये प्रिंट पर बेचा जाता है। कोरोना का फायदा उठाकर कुछ दवा विक्रेता दवा पर लिखे प्रिंट रेट को हटाकर 50 रुपये रेट के स्टिकर लगाकर बेच रहे हैं। इसके अलावा जितनी भी एंटीबायोटिक दवाएं हैं, उनके होलसेल में दाम 25 से 50 फीसदी तक बढ़ चुके है।
सेनिटाइजर और गलव्ज भी ब्लैक में
कोरोना से बचाव के लिए सेनिटाइजर और दस्ताने के उपयोग की हिदायत दी जा रही है। इनके दामों में भी कई गुणा तक इजाफा हो चुका है। अगर होलसेल मार्केट की बात करे तो 100 एमएल सेनिटाइजर की बोतल का दाम पहले 80 रुपये था, जो अब 110 रुपये प्रति बोतल पहुंच गया है। इन बोतल पर प्रिंट रेट ज्यादा होता है, इसलिए ग्राहकों से 225 रुपये प्रति बोतल वसूल किया जा रहा है। दस्तानों के दाम भी कई गुणा बढ़ चुके हैं। होलसेल मार्केट में सौ दस्ताने के डिब्बे का दाम पहले जहां 260 रुपये था, अब यह 400 रुपये तक पहुंच चुका है।
कोरोना का खौफ…. मास्क के बाद अब मार्केट से सेनिटाइजर गायब
उधर, जालंधर में कोरोनावायरस की दहशत के चलते मार्केट से मास्क के बाद अब हैंड सेनिटाइजर भी गायब हो गए हैं। हालात यह हैं कि होलसेल मार्केट में हैंड सेनिटाइजर मिल नहीं रहा है। रिटेल मार्केट में भी जिनके पास सेनिटाइजर हैं, वे इसकी ज्यादा कीमत वसूल कर रहे हैं। लोकल कंपनी के सेनिटाइजर भी ऊंचे दाम में बिक रहे हैं।
दूसरी तरफ हेल्थ विभाग ने लोगों से अपील की है कि वह दहशत में न आएं और अफवाहों से बचें। इस मामले में सिविल अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि कोरोनावायरस को लेकर सिविल अस्पताल में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इसके चलते सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में स्पेशल काउंटर लगाया गया है।
ट्रॉमा वार्ड में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। इस तरह के मरीजों के इलाज के लिए स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा रही है। सिविल प्रशासन का कहना है कि अभी तक वायरस का कोई मरीज सामने नहीं आया है, लेकिन विभाग की ओर से अस्पताल में पूरे इंतजाम किए गए हैं। अगर कोई संदिग्ध मरीज आता है तो उसका रजिस्ट्रेशन कर सीधा आइसोलेशन वार्ड में भेज दिया जाएगा।