विशाखापटनम (ब्यूरो)- आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से दर्दनाक मामला सामने आया है। एक मां अपने कोरोना संक्रमित एक साल के बेटे के लिए अस्पताल वालों से गुहार लगाती रही, लेकिन बेड की कमी की वजह से उसे अस्पताल ने भर्ती नहीं किया। कुछ देर बाद मासूम ने अस्पताल के बाहर एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया और बेबस मां उसे देखती ही रह गई।
यह दर्दनाक मामला विशाखापट्टनम के किंग जॉर्ज अस्पताल के बाहर का है। मंगलवार को एक परिवार अस्पताल पहुंचा। उनका एक साल के बेटे की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। बच्चा एंबुलेंस में हांफ रहा था, उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। करीब एक घंटे तक मां गिड़गिड़ाती रही, रोती रही, बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए मिन्नतें करती रही, लेकिन अस्पताल वालों ने बेड की कमी के चलते मासूम को भर्ती नहीं किया। आखिरकार मासूम ने मां के सामने ही दम तोड़ दिया।
उधर, भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने कोविड की देखभाल के लिए विभिन्न राज्यों को 169 ट्रेन के कोच सौंपे हैं। कोविड-19 महामारी के खिलाफ एकजुट लड़ाई में, रेलवे ने राज्यों द्वारा उपयोग के लिए लगभग 64,000 बिस्तरों के साथ लगभग 4,000 कोविड देखभाल कोच विकसित किए हैं। रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा, कोविड के कोचों की नई मांग नागपुर जिले से आई है। इस दिशा में, मंडल रेल प्रबंधक, नागपुर और नागपुर नगर निगम के आयुक्त के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। तदनुसार, रेलवे 11 कोचों के साथ एक कोविड देखभाल रेक तैनात करेगा जिसमें प्रत्येक कोच में 16 रोगियों को समायोजित करने की क्षमता के साथ संशोधित स्लीपर्स शामिल होंगे।