नई दिल्ली (ब्यूरो): दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बाटला हाउस मुठभेड़ केस में आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) के सदस्य आरिज खान को सोमवार को मौत की सजा सुनाई।
दिल्ली में 13 सितंबर, 2008 को पांच जगहों पर सिलसिलेवार तरीके से बम धमाके हुए थे। इनमें 30 लोगों की जान गई। कई सारे लोग जख्मी हुए। मामले की जांच के दौरान पुलिस की स्पेशल सेल को सूचना मिली कि जामिया के बटला इलाके में कुछ आतंकी छिपे हैं। पुलिस बल मौके पर पहुंचा। उस समय बटला हाउस के उस फ्लैट में आरिज खान उर्फ जुनैद के साथ चार अन्य लोग फ्लैट में मौजूद थे। वहां पुलिस और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। दो आतंकी मौके पर मारे गए। जबकि तीन वहां से भागने में सफल रहे। इन्हीं में से एक आरिज खान था। जबकि दो अन्य आरोपी मोहम्मद सैफ और जिशान गिरफ्तार कर लिए गए। इस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के होनहार इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा आतंकियों की गोलियों का निशाना बने और शहीद हो गए।
कोर्ट ने मामले को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर मानते हुए फैसला सुनाया
बाटला हाउस एनकाउंटर में दोषी आरिज को दिल्ली की कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है। कोर्ट ने मामले को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर मानते हुए फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आठ मार्च को अपने फैसले में कहा था कि एनकाउंटर के वक्त आरिज खान मौके पर ही था और वह पुलिस की पकड़ से भाग निकला था। गत आठ मार्च को कोर्ट ने आरिज को पुलिस पर फायरिंग का दोषी माना था। अदालत ने कहा कि उसने भागने से पहले पुलिसवालों पर फायरिंग की थी। कोर्ट ने कहा कि बाटला हाउस एनकाउंटर में पुलिस टीम के चीफ इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा पर भी आरिज ने गोलियां चलाई थीं, जिससे उनकी मौत हो गई थी।
खुन्नस में विदेशी पर्यटकों पर की गई गोलीबारी
ये गोलियां विदेशी पर्यटकों को टारगेट करके चलाई गई थीं। उस गोलीबारी में ताइवान के दो नागरिक गोली लगने से घायल हो गए थे। 6 फरवरी 2010 को दिल्ली पुलिस ने इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकवादी शहजाद अमहद को गिरफ्तार कर लिया। शहजाद पर आरोप था कि उसी ने इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा और उनके साथियों के बदन में गोलियां झोंकी थीं, जिससे मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए जबकि उनके साथ घायल होने वाले बाकी दोनों पुलिसकर्मियों की जान बच गई। 20 जुलाई 2013 को अदालत ने शहजाद अहमद के मामले की सुनवाई पूरी कर ली। साथ ही उस पर फैसला सुरक्षित रख लिया। 25 जुलाई 2013 को यानि 3-4 दिन बाद अदालत ने पुलिस की जांच के पुख्ता करार देते हुए शहजाद अहमद को दोषी करार दिया। 30 जुलाई 2013 को उसे उम्रकैद की सजा सुना दी गई। सनसनीखेज बटला हाउस कांड में करीब एक दशक तक फरार रहने वाले आतंकवादी आरिफ खान को दिल्ली पुलिस ने फरवरी 2018 में दबोचा था।