- अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से कंटेनमेंट जोन छोड़कर बाकी जगह कारोबार शुरू करने की मंजूरी मांगी थी
- कुछ अन्य राज्य भी लॉकडाउन फेज-4 में आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं
पंजाब मीडिया न्यूज़
May 15, 2020, 10:07 PM IST
नई दिल्ली. देश में 25 मार्च से लॉकडाउन है। तीन फेज हो चुके हैं। चौथा 18 मई से शुरू होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसका ऐलान कर चुके हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि फेज-4 नए रंग और रूप में होगा। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और कुछ अन्य राज्य कारोबारी गतिविधियां शुरू करने की मंजूरी मांग रहे हैं। रेल, रोड और हवाई यात्रा अलग-अलग स्तर पर शुरू होने लगी हैं। पीएम ने पिछले हफ्ते मुख्यमंत्रियों से 6 घंटे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी। इसमें कई सुझाव मिले थे।
यहां फेज- 4 के लिए कुछ राज्यों की तैयारियों पर नजर डालते हैं। इससे एक अंदाजा लग सकता है कि वहां लॉकडाउन के नए और चौथे दौर में क्या संभावनाएं हैं।
दिल्ली
सीएम केजरीवाल ने पीएमओ को एक प्रस्ताव भेजा था। इसके मुताबिक, नॉन कंटेनमेंट जोन में कारोबारी गतिविधियों की मंजूरी दी जानी चाहिए। गुरुवार को केजरीवाल ने मीडिया से कहा था- मैंने जनता से फीडबैक लिया है। नॉन कंटेनमेंट जोन में बंदिशें कम की जानी चाहिए। रेड जोन पर कड़ी निगरानी जरूरी है।
केरल
यहां टूरिज्म आमदनी का बड़ा जरिया है। राज्य सरकार ने केंद्र से मेट्रो, लोकल ट्रेन, डोमेस्टिक फ्लाइट्स, रेस्टोरेंस्ट और होटल दोबारा शुरू करने की मंजूरी मांगी है। भारत में संक्रमण का पहला मामला इसी राज्य में सामने आया था। अब तक 560 मामले सामने आ चुके हैं। 500 स्वस्थ हैं। चार की मौत हुई है।
कर्नाटक
यहां भी सरकार की मांग केरल की तरह ही है। सरकार रेस्टोरेंट्स, होटल और जिम फिर खोलना चाहती है। लॉकडाउन की वजह से यहां जनजीवन काफी प्रभावित हुआ। सरकार का कहना है कि वो लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के लिए प्रेरित करेगी। राज्य में 959 एक्टिव केस हैं। 1 हजार 518 आईसोलेशन में हैं। पिछले हफ्ते पब और बार खोले गए थे। लेकिन, यहां से सिर्फ खरीद की सुविधा है। ग्राहक बैठ नहीं सकेंगे।
तमिलनाडु
यहां एआईएडीएमके सरकार ने कंटेनमेंट जोन छोड़कर बिजनेस एक्टिविटी शुरू करने की मंजूरी मांगी है। चेन्नई के एक सब्जी बाजार से 2 हजार 600 लोग संक्रमित हुए थे। राज्य सरकार का दावा है कि उसने संदिग्ध इलाकों की पहचान कर ली है। 4 हजार 623 लोग क्वारैंटाइन हैं। कुछ सेक्टर्स में काम शुरू करने की पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है।
गुजरात
राज्य में 9 हजार 591 मामले सामने आ चुके हैं। 586 लोगों की मौत हो चुकी है। गुजरात बिजनेस एक्टिविटीज का सेंटर है। खासतौर से शहरी इलाके। अहमदाबाद, सूरत और बड़ौदा बंद हैं। दिक्कत की बात ये कि इन्हीं तीन शहरों में राज्य के कुल मामलों का 80 फीसदी हैं। मोदी और अमित शाह का यह गृह राज्य है। यहां हालात संभालना बेहद चुनौतीपूर्ण होगा। 2 लाख 8 हजार 537 लोग क्वारैंटाइन में हैं।
महाराष्ट्र
एक हजार से ज्यादा की मौत हो चुकी है। 30 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं। मुंबई और पुणे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इसके बावजूद मुंबई में कुछ जगह सरकार राहत देने जा रही है। कुछ ऑफिस खुल गए हैं, या खोले जा सकते हैं। मुंबई में 16 हजार मामले सामने आ चुके हैं। राज्य में एक हजार 289 कंटेनमेंट जोन हैं। तीन लाख लोग क्वारैंटाइन हैं। भारत की आर्थिक राजधानी में कामकाज फिर शुरू करना फिलहाल, जोखिमभरा साबित हो सकता है।
बिहार, झारखंड और ओडिशा
तीनों ही राज्यों में सख्त लॉकडाउन जारी है। मामले भी बढ़ रहे हैं। दूसरे राज्यों से प्रवासी मजदूर लौटे तो मामले कुछ और बढ़ गए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि राज्य में लॉकडाउन 31 मई तक रहेगा। नीतीश ने कहा- ढील दिए जाने का फैसला जिला प्रशासन करेगा। बिहार में 994 मामले हैं। सात लोगों की मौत हुई है। झारखंड में 197 मामले और तीन मौत हैं। ओडिशा में 611 मामले हैं। तीन लोगों की मौत हुई है।
उत्तर प्रदेश और पंजाब
यूपी भी केंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। यहां 3 हजार 902 मामले हैं। 88 की मौत हो चुकी है। दो लाख से ज्यादा क्वारैंटाइन हैं। पंजाब में एक हजार 935 मामले हैं। 32 दम तोड़ चुके हैं। 40 हजार क्वारैंटाइन हैं। यहां सीएम अमरिंदर सिंह लॉकडाउन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। मोदी से मीटिंग में कैप्टन ने कहा था- मैं राज्य में कर्फ्यु लगाने पर विचार करूंगा।
असम
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी कैप्टन अमरिंदर की तरह लॉकडाउन जारी रखने का सुझाव दे रहे हैं। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि वो केंद्र के आदेश का इंतजार करेंगे। उन्होंने कहा- सिर्फ एक कदम की बात नहीं हैं। हमें कई कदम उठाने होंगे। इसके लिए केंद्र की गाइडलाइंस का इंतजार करेंगे।