नई दिल्ली | कोरोना वायरस के कहर के बाद अब दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स के मामले भी तेजी से सामने आ रहे है। ऐसे में केंद्र सरकार भी अलर्ट हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद को स्थिति पर कड़ी नजर रखने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संबंध में हवाई अड्डों और बंदरगाहों के स्वास्थ्य अधिकारियों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
हवाई अड्डों को निर्देशित किया है कि मंकीपॉक्स प्रभावित देशों की यात्रा कर लौटे किसी भी बीमार यात्री को तुरंत आइसोलेट कर नमूने जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की बीएसएल-4 सुविधा वाली प्रयोगशाला को भेजे जाएं। ब्रिटेन, अमेरिका, पुर्तगाल, स्पेन, बेल्जियम, फ्रांस, इटली और ऑस्ट्रेलिया में भी लोग मंकीपॉक्स से संक्रमित पाए गए हैं।
मंकीपॉक्स एक वायरल इन्फेक्शन है, जो पहली बार 1958 में कैद किए गए बंदर में पाया गया था और 1970 में पहली बार इंसान में इसके संक्रमण की पुष्टि हुई थी। मंकीपॉक्स संक्रमण के मामले ज्यादातर मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों में मिलते हैं। साल 2017 में नाइजीरिया में मंकीपॉक्स का सबसे बड़ा आउटब्रेक हुआ था, जिसके 75% मरीज पुरुष थे। अब तक यह बीमारी कुल 11 देशों में फैल चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम भी एक्शन में आ गई है।