Punjab media news: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि अगर विपक्ष वार्ता के लिए आगे आए तो संसद (Parliament) में जारी मौजूदा गतिरोध को दूर किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष ‘दो कदम आगे बढ़ाए’ तो सरकार उससे भी ‘दो कदम आगे बढ़ेगी’. शाह ने एक ‘मीडिया कॉन्क्लेव’ में कहा कि ऐसे कई मुद्दें हैं, जो राजनीति से ऊपर है. यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने भी विदेशी धरती पर घरेलू राजनीति पर चर्चा करने से इनकार कर दिया था. शाह ने कहा कि ‘दोनों पक्ष लोकसभा अध्यक्ष के साथ बैठें. उन्हें दो कदम आगे आना चाहिए और हम उससे भी दो कदम आगे बढ़ाएंगे. तब संसद चलेगी, लेकिन आप केवल संवाददाता सम्मेलन कीजिए और कुछ न कीजिए, ऐसा नहीं चलता.’
केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि संसद केवल सत्ता पक्ष या केवल विपक्ष से नहीं चलती और दोनों को एक-दूसरे से बात करनी ही होती है। उन्होंने कहा कि ‘हमारी पहल के बावजूद विपक्ष की ओर से बातचीत का प्रस्ताव नहीं आया. हम किससे बात करें? वे मीडिया से बातचीत कर रहे हैं. वे नारेबाजी कर रहे हैं कि संसद में बोलने की आजादी होनी चाहिए. संसद में बोलने की पूरी आजादी है. आपको बात करने से कोई नहीं रोक रहा.’ शाह ने हालांकि कहा कि सभी को नियमों का पालन करना चाहिए और उन्मुक्त नहीं होना चाहिए तथा प्रत्येक को नियमावली पढ़नी चाहिए और उन्हें समझना चाहिए.
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि ये जांच एजेंसिया कानून से ऊपर नहीं है और किसी भी नोटिस, FIR और आरोप पत्र को अदालतों में चुनौती दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि ‘अदालत जाने के बजाय वे क्यों बाहर चिल्ला रहे हैं. मैं जनता से पूछना चाहता हूं कि अगर किसी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं तो क्या उसकी जांच नहीं होनी चाहिए. केवल दो को छोड़ ये सभी मामले उनके शासन में दर्ज किए गए थे न कि हमारी सरकार के दौरान.’ अडाणी समूह के खिलाफ जांच के सवाल पर शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर जजों की दो सदस्यीय कमेटी बनाई है. सभी को उनके पास जाकर जो भी सबूत हैं, उन्हें जमा कराना चाहिए. उन्होंने कहा कि ‘अगर गलत हुआ है तो किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा. सभी को न्यायिक प्रक्रिया में भरोसा रखना चाहिए.’ शाह ने कहा कि लोगों को आधारहीन आरोप नहीं लगाने चाहिए. क्योंकि वे अधिक समय तक नहीं टिकते.