Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग में पदस्थापना के नाम पर करोड़ों रुपए में लेनदेन के मामले पर जमकर चर्चा हो रही है. इसको लेकर बीजेपी ने राज्य सरकार को घेरा है और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम से इस्तीफे की मांग की है. लेकिन इस मामले में अब लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक आशुतोष चावरे का बयान सामने आया है.
दरअसल पिछले कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ की आबो हवा में स्कूल शिक्षा विभाग की एक कथित डायरी घुल गई है. इसमें स्कूल शिक्षा विभाग में पदस्थापना के नाम पर पैसों के लेनदेन का आरोप लगाया गया है. अब स्कूल शिक्षा विभाग ने इसे झूठा बताया है. सरकारी सफाई में कहा गया है कि डायरेक्टोरेट ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन के डिप्टी डायरेक्टर आशुतोष चावरे के हस्ताक्षर युक्त फर्जी शिकायती पत्र के माध्यम से शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे थे और सोशल मीडिया के माध्यम से इस बात को प्रचारित किया जा रहा था कि शिक्षकों के पदस्थापना में लेनदेन की गई है . इस फर्जी शिकायती पत्र के माध्यम से शिक्षा विभाग और इसके अधिकारियों की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही थी.
नकली हस्ताक्षर से तैयार किया गया था शिकायती पत्र
मामला उजागर होने के बाद डायरेक्टोरेट ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन के डिप्टी डायरेक्टर आशुतोष चावरे ने नवा रायपुर के राखी पुलिस थाने में अपनी तरफ से एफआईआर दर्ज कराई है. एफआईआर क्रमांक 09/2022 में राखी पुलिस ने भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 419 तथा धारा 469 के तहत अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ जुर्म दर्ज किया है. आशुतोष चावरे ने अपने बयान में कहा है कि विगत दो माह से अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा उनके नाम, पदनाम और सील का छद्म उपयोग कर फर्जी शिकायत पत्र तैयार किया जा रहा है और इसे जनप्रतिनिधियों और विभिन्न संस्थानों को भेजा जा रहा है.
पुलिस ने दर्ज की FIR
आशुतोष चावरे के अनुसार लेनदेन से संबंधित आरोपों वाले शिकायती पत्र में उनके जाली हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया गया है और इसके माध्यम से उनकी तथा विभाग की छवि खराब करने की कोशिश की गयी है. इसको लेकर उप संचालक चावरे ने अपनी शिकायत राखी पुलिस थाने में की थी. शिकायत को प्रथम दृष्टया सही पाते हुए राखी पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है.
स्कूल शिक्षा मंत्री से मांगा इस्तीफा
वहीं इधर नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इस मामले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एसआईटी गठन कर उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है. साथ ही स्कूल शिक्षा मंत्री को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की भी मांग की है. उन्होंने आगे कहा कि अरबों रूपये के इस कथित लेन-देन में लिप्त अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए. रायपुर राजधानी में पदस्थ एक अधिकारी जो ट्रांसफर पोस्टिंग के साथ ही सामग्री आपूर्ति के सप्लायरों से राशि वसूली कर बंगलों में देने का कार्य करता है, उसकी जांच की होनी चाहिए.
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