Punjab media news : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते कहा कि पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर पंजाब से दूसरे राज्यों को अनाज की ट्रांसपोर्टेशन के लिए विशेष रेल गाडिय़ां चलाई जा सकती हैं तो फिर पंजाब में कोयला लाने के लिए रेल गाड़ियां क्यों नहीं चलाई जा सकती। मोदी सरकार की ओर से केवल अपने मित्र अदाणी की जेब भरने के लिए केंद्र की ओर से रेल-शिप-रेल रूट को लागू किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री मान सोमवार को गांव सिद्धूवाल स्थित राजीव गांधी नेशनल ला यूनिवर्सिटी में आयोजित पीएसईबी इंजीनियर्स एसोसिएशन की जनरल बाडी बैठक को संबोधित कर रहे थे। मान ने कहा कि केंद्र का यह कदम पूरी तरह से अनुचित व असहनीय है, क्योंकि इससे पंजाब का आर्थिक तौर पर काफी नुकसान होगा।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि पंजाब के लोगों के हितों की रक्षा के लिए केंद्र के इस फैसले का जोरदार ढंग से विरोध किया जाएगा। इस मौके विशेष तौर से पीएसईबी इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रधान इंजीनियर जसवीर सिंह धीमान, महासचिव अजयपाल सिंह अटवाल, पावरकाम सीएमडी इंजीनियर बलदेव सिंह सरां, कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ और डॉ. बलवीर सिंह व चेतन सिंह जौड़ामाजरा आदि भी मौजूद रहे।
83 फीसदी बढ़ा बिजली उत्पादन
इस मौके सीएम ने साफ किया कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के मेंबर की नामजदगी में पंजाब के हितों की रक्षा की जाएगी। मान ने कहा कि वह इस मसले को केंद्र के सामने उठा चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार के प्रयासों में प्रदेश में बिजली उत्पादन में में 83 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही झारखंड की पचवारा खान से कईं साल बाद कोयले की सप्लाई भी शुरू हुई है। चुनावी वादे के मुताबिक आप सरकार ने लोगों को 300 यूनिट बिजली मुफ्त की है, जिसकी वजह से प्रदेश के 87 फीसदी घरों के नवंबर व दिसंबर 2022 के बिल जीरो रहे हैं। इस मौके उन्होंने साफ किया कि उनकी सरकार पंजाब से नशे के खात्मे को लेकर पूरी तरह से वचनबद्ध है।
पंजाब निवेश सम्मेलन से औद्योगिक तरक्की को नई राह मिलेगी
इस मौके मान ने उम्मीद व्यक्त की कि 23 व 24 फरवरी को पंजाब निवेश सम्मेलन कराया जा रहा है। जिससे प्रदेश में औद्योगिक तरक्की को नई रफ्तार मिल सकेगी। समागम मौके इंजीनियर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से पावरकाम की सब्सिडिय़ों के बकाया के जल्द भुगतान, सरकारी विभागों के पेंडिंग बिलों के जल्द अदायगी की मांग की।