(Pmn)सिक्योरिटी एक्सपर्ट कंपनी AhnLab की एक रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में Redline Stealer मैलवेयर की पहचान की गई है जो गूगल क्रोम में सेव लॉगिन आईडी और पासवर्ड को चुराने का काम करता है। इस मैलवेयर के जरिए हैकर्स आपकी पर्सनल डिटेल को अपने कंट्रोल में ले लेते हैं।
फोटो क्रेडिट – यह Google Chrome की फाइल फोटो है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। मौजूदा वक्त में गूगल क्रोम (Google Chrome) ब्राउजर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। अक्सर हम गूगल क्रोम पर बार-बार लॉग-इन करने से बचने के लिए जीमेल समेत सर्विस के लॉ-इन आईडी और पासवर्ड को सेव कर देते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है। हालिया जारी रिपोर्ट के मुताबिक गूगल क्रोम ब्राउजर पर अपनी संवेदनशील जानकारी को नहीं सेव करना चाहिए, क्योंकि यह हैंकिंग के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
सिक्योरिटी एक्सपर्ट कंपनी AhnLab की एक रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में Redline Stealer मैलवेयर की पहचान की गई है, जो गूगल क्रोम में सेव लॉगिन आईडी और पासवर्ड को चुराने का काम करता है। इस मैलवेयर के जरिए हैकर्स आपकी पर्सनल और गोपनीय डिटेल को अपने कंट्रोल में ले लेते हैं। साथ ही बैंकिंग फ्रॉड जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। साथ पर्सनल जानकारी के बदले पैसों की भी डिमांड की जाती है।
AhnLab की रिपोर्ट की मानें तो वर्क फ्रॉम होम के दौरान इस मैलवेयर के बारे में पता चला। यह मैलवेयर काफी खतरनाक है। सबसे हैरान करने वाली बात है कि इस मैलवेयर पर एंटीवायरस का भी असर नहीं होता है। ऐसे में मैलवेयर के खतरे का अंदाजा लगाया जा सकता है। मैलवेयर कंपनी के वीपीएन (VPN) तक पहुंचकर लॉग-इन और पासवर्ड चोरी करने में माहिर है। ऐसे में यूजर्स से गूगल क्रोम में अपना लॉग-इन आईडी पासवर्ड सेव ना सेव करने की सलाह दी गई है। इस मैलवेयर पर एंटीवायरस का असर नहीं होता है।
इन बातों का रखें ध्यान
गूगल क्रोम ब्राउजर पर कोई भी पासवर्ड ना सेव करें। पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें। हमेशा सिक्योर और ऑफिशियल वेबसाइट का इस्तेमाल करें। मेल, मैसेज या व्हाट्सऐप पर आने वाले किसी अनजान लिंक को क्लिक न करें। जरूरी जानकारी, पर्सनल डेटा और अन्य जरूरी फाइल को बिना प्रोटेक्शन के सेव करके न रखें।