Punjab media news : साइबर युद्ध की बढ़ती चुनौतियों के मद्देनजर सेना ने अपने आनलाइन नेटवर्क को आधुनिक बनाने के साथ-साथ उनकी प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक अलग कमांड साइबर ऑपरेशंस एंड सपोर्ट विंग्स (CCOSW) की जल्द स्थापना करने का फैसला किया है।
सेना के कमांडरों के पिछले हफ्ते हुए सम्मेलन के दौरान यह अहम निर्णय लिया गया। अपने हाईटेक साइबर वारफेयर सिस्टम को लगातार मजबूत बना रहे चीन की इस क्षेत्र में तेज हुई रफ्तार को देखते हुए भारतीय सेना अपनी साइबर युद्ध क्षमता को प्रतिस्पर्धी बनाने में पीछे नहीं रहना चाहती है।
इसके मद्देनजर ही सीसीओएसडब्लू का गठन करने के निर्णय के साथ सेना बड़ी संख्या में एंटी ड्रोन सिस्टम और इलेक्ट्रानिक वारफेयर से लेकर एडवांस हाईटेक उपकरणों की खरीद भी कर रही है।
हाइब्रिड मोड में 17 से 21 अप्रैल के दौरान हुए कमांडर कांफ्रेंस में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौजूदा उभरते सुरक्षा परिदृश्यों की समीक्षा के साथ सेना की ऑपेरशनल तैयारियों की समीक्षा की।
सूत्रों के अुनसार, इस दौरान यह स्वीकार किया गया कि ग्रे जोन युद्ध के साथ-साथ पारंपरिक संचालन दोनों में साइबर स्पेस सैन्य डोमेन के एक महत्वपूर्ण अंग के रूप में उभरा है। भारत के विरोधी देशों द्वारा साइबर युद्ध क्षमताओं के विस्तार ने साइबर डोमेन को पहले से कहीं अधिक अपरिहार्य और प्रतिस्पर्धी बना दिया है। इसीलिए भारतीय सेना ने नेट सेंट्रिसिटी जो आधुनिक संचार प्रणालियों पर बढ़ती निर्भरता से संबंधित है कि दिशा में तेजी से कदम बढ़ा दिए हैं।