Punjab media news : दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सीपीएम मुख्यालय में सीताराम येचुरी जी से मुलाकात करने के लिए पहुंचे हैं। सीताराम येचुरी से मुलाकात करने के बाद सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोगों के अधिकार छीनने वाला अध्यादेश मोदी सरकार ने जारी किया। आठ साल की लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि चुनी हुई सरकार को शक्तियां होनी चाहिए। हमारी सरकार से शक्तियां छीन ली गई थीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला लेकिन अध्यादेश केआर जरिए कोर्ट के आदेश को कैंसिल कर दिया गया। यह दिल्ली के लोगों के लिए तमाचा था। अध्यादेश जब संसद में आएगा, तो वहां भाजपा का बहुमत नहीं है। विपक्षी पार्टियां साथ आएं तो इसे गिराया जा सकता हैं।
इसी सिलसिले में ममता बनर्जी, ठाकरे, एनसीपी, केसीआर सबने सपोर्ट किया। आज सीताराम येचुरी और CPM से सपोर्ट मांगने आया था। दिल्ली के लोगों के साथ खड़े होने के लिए उन्हाेंने शुक्रिया किया हैं। 20 मई को हमने इस अध्यादेश का खंडन किया और कहा कि यह लोकतंत्र के खिलाफ है और कोर्ट की अवहेलना भी है। केंद्र और राज्य के बीच के संबंधों को अधिकारों को मोदी सरकार खत्म कर रही है। यह संविधान का उल्लंघन है। राज्यसभा या कहीं भी हम इसका विरोध करेंगे।
सभी पार्टियों से अपील है कि यह किसी पार्टी का मामला नहीं है, देश की संवैधानिक व्यवस्था पर जो खतरा है उसका विरोध करना है, जिन पार्टियों ने अभी तक इसका खंडन नहीं किया है उनसे अपील है कि कल जहां कांग्रेस की सरकार है या क्षेत्रीय दलों की सरकार है उनके लिए भी यह खतरा हो सकता हैं।
सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस से भी अपील है कि वे भी इसका विरोध करें। यह मुद्दा जनतंत्र का है, संविधान का है। आप केजरीवाल को सपोर्ट मत कीजिए, दिल्ली के लोगों के साथ खड़े होइए, यह अत्याचार दिल्ली वालों के साथ मोदी सरकार ने किया है। कल को राजस्थान में भी ऐसा हो सकता है। ये उन्हें तय करना है कि मोदी जी के साथ खड़े हैं या जनता के साथ खड़े हैं।