Punjab media news : RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक सोमवार, 6 फरवरी से शुरू होगी. यह तीन दिवसीय बैठक 8 फरवरी तक चलेगी. बुधवार को संभवत: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास बताएंगे कि नीतिगत ब्याज दरों यानी रेपो रेट में कोई इजाफा किया जा रहा है या नहीं. खबरों की मानें तो आरबीआई इस बार भी ब्याज दरे बढ़ाएगा. हालांकि, इसकी वृद्धि दर में जरूर कमी देखी जाएगी. विश्लेषकों के अनुसार, रेपो रेट 25 बेसिस पॉइंट या 0.25 फीसदी तक बढ़ाई जा सकती है. पिछले साल आरबीआई ने रेपो रेट को 5 बार बढ़ाया था और इसे 6.25 फीसदी तक पहुंचा दिया था.
बीते साल दिसंबर में हुई बैठक में एमपीसी ने ब्याज दर में 0.35 फीसदी का इजाफा करने का फैसला किया था. कुल बढ़ोतरी 225 बेसिस पॉइंट या 2.25 फीसदी की हुई थी. इसमें तीन बार ब्याज दर 0.50 फीसदी बढ़ाई गई थी. रेपो रेट बढ़ने से बैंकों के लिए आरबीआई से पैसा लेना महंगा हो जाता है और इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर दिखता है. बैंक भी फिर ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं. होम लोन की ब्याज दरें पहले ही 8.50 फीसदी से ऊपर निकल चुकी हैं. एक बार फिर ब्याज बढ़ने से इसके और ऊपर जाने की आशंका है.
घर-कार खरीदना हो जाएगा महंगा
अगर ब्याज दरें बढ़ती हैं तो लगभग हर तरह का लोन महंगा हो जाएगा. बैंक आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने के ब्याज में इजाफा कर देते हैं. दरअसल, बैंक की अधिकांश ब्याज दरें जिन बाहरी कारकों पर निर्भर करती हैं उनमें से सबसे बड़ा फैक्टर रेपो रेट ही है. हालांकि, इसका एक फायदा निवेशकों को पहुंचता है. बैंक एफडी में पैसा लगाने वाले लोगों को ज्यादा ब्याज मिलने लगता है. इसका उदाहरण हम पिछले साल देख चुके हैं. कई बैंक एफडी पर 7 फीसदी या उससे अधिक भी ब्याज ऑफर कर रहे हैं
.महंगाई दर में गिरावट
महंगाई दर फिलहाल आरबीआई के संतोषजनक दायरे के भीतर है. हालांकि, पिछले साल जनवरी से ही ये 6 फीसदी से ऊपर गई हुई थी. लेकिन, साल खत्म होते-होते खुदरा महंगाई दर 5.72 फीसदी तक पहुंच गई. यह एक साल का सबसे निचला स्तर था. इंडिया रेटिंग्स के प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा के मुताबिक, 2024 की पहली तिमाही तक महंगाई दर 5 फीसदी से भी नीचे आ जाएगी.