Punjab media news : खनन सामग्री की कमी का सामना कर रही पंजाब सरकार को मंगलवार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में पठानकोट, रूपनगर व फाजिल्का की जिला सर्वे रिपोर्ट पेश की। इन रिपोर्ट को देखने के बाद इन तीन जिलों में मौजूद साइट पर खनन की हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को अनुमति दे दी है।
राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण(एसईआईएए) ने डिसिल्टिंग साइट्स पर खनन की इजाजत देने के बाद इसे वापस ले लिया था। इस आदेश के खिलाफ पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी। पंजाब सरकार ने बताया कि एसईआईएए ने पिछले साल 17 फरवरी को पंजाब सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी कर बिना जिला सर्वे रिपोर्ट के डिसिल्टिंग के नाम पर हो रहे खनन पर रोक लगाने का आदेश दिया था।
26 अप्रैल को सरकार ने एसईआईएए को आश्वासन दिया था कि छह महीनों में जिला सर्वे रिपोर्ट जमा करवा दी जाएगी। इस पर एसईआईएए ने सरकार को चार महीनों का समय दे दिया था। 28 सितंबर को एसईआईएए ने राज्य सरकार के हर तरह के खनन पर रोक लगा दी थी। दो अक्तूबर को सरकार ने फिर आग्रह किया तो एसईआईएए ने सात अक्तूबर को सरकार के इस आग्रह को स्वीकार करते हुए अपने आदेश पर 11 दिसंबर तक रोक लगा दी थी और खनन की इजाजत दे दी थी। इसी आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी गई थी।
10 नवंबर को इस मामले में हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद एसईआईएए ने हाईकोर्ट को विश्वास दिलाया था कि वह इजाजत के अपने आदेश को वापस ले रहे हैं। इसके बाद आदेश वापस लिया और पंजाब में खनन सामग्री की कमी होती चली गई। इस मामले में पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट से अनुमति वापस लेने के आदेश को रद्द करने की मांग की थी। पंजाब सरकार ने मंगलवार को हाईकोर्ट को बताया कि तीन जिलों की सर्वे रिपोर्ट आ चुकी है। ऐसे में हाईकोर्ट ने इन तीन जिलों में मौजूद साइट पर खनन की अनुमति दे दी है। कोर्ट को बताया गया कि 11 साइट के लिए सर्वे रिपोर्ट तैयार करने का काम चल रहा है जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा।