Punjab media news : पंजाब सरकार शिक्षा विभाग में कर्मचारियों को रेगुलर करने की तर्ज पर दूसरे विभागों के कर्मचारियों को भी रेगुलर करने के लिए नई पॉलिसी लेकर आई है। इस पॉलिसी का सिर्फ नाम बदला है, मतलब सिर्फ शिक्षा विभाग का नाम बदल कर दूसरे विभागों का नाम लिखा गया है। जबकि पॉलिसी पूरी तरह से वही है जो शिक्षा विभाग के लिए बनाई गई थी।
दूसरे विभागों में एडहॉक, कॉन्ट्रैक्ट, वर्क चार्ज, टेंपरेरी या फिर डेलीवेज पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी सरकार ने रेगुलर करने लिए बनाई गई नई पॉलिसी में स्पेशल कैडर बनाया है। इसे स्पेशल कैडर डाइंग नाम दिया गया है। जिसका मतलब है कि यह पोस्ट क्रिएट नहीं होगी, बल्कि कर्मचारी के रिटायर होते ही पद भी खुद ही खत्म हो जाएगा।
10 साल बिना ब्रेक नौकरी जरूरी
सरकारी की पॉलिसी के अनुसार रेगुलर होने जा रहे कर्मचारियों के लिए बिना ब्रेक 10 साल का सेवाकाल पूरा करना अनिवार्य है। दस सालों में भी कर्मचारी के हर साल में 240 दिन की हाजिरी होनी चाहिए। नई नीति के तहत जिन्हें रेगुलर किया जाएगा उनकी रिटायरमेंट उम्र 58 साल होगी और इसके बाद उनका पद खत्म हो जाएगा।
3 महीने के भीतर देनी होगी पॉलिसी के अनुसार रेगुलर होने की सहमति
नई पॉलिसी में स्पष्ट किया गया है कि जो भी कर्मचारी इस पॉलिसी के तहत रेगुलर होना चाहता है उसे अपनी सहमति पहले देने होगी। यह सहमति कर्मचारी को नोटिफिकेशन जारी होने के तीन महीने के भीतर अपने-अपने विभाग के पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन से देनी होगी। पोर्टल पर कर्मचारियों को एक प्रोफार्मा दिया जाएगा जिसे भरकर सब्मिट करना होगा।