Punjab media news : पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी ने उन्हें पद से हटाने पर राज्य सरकार के आदेश को दूसरी बार पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में हाईकोर्ट में आज सुनवाई होनी है। मनीषा गुलाटी द्वारा सरकारी फैसले में कारण स्पष्ट नहीं होने समेत तकनीकी कारणों को आधार बनाते हुए आदेश रद्द करने की मांग की गई है।
तीन वर्ष के लिए नियुक्ति की थी
मनीषा गुलाटी ने सीनियर एडवोकेट चेतन मित्तल के माध्यम से याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट को बताया कि उनकी नियुक्ति तय प्रक्रिया के तहत तीन वर्ष के लिए 13 मार्च 2018 को की गई थी। उन्हें 18 सितंबर 2020 से 19 मार्च 2021 और फिर 18 मार्च 2024 तक एक्सटेंशन तय प्रक्रिया के तहत दी गई थी। याची ने बताया कि पंजाब सरकार ने 31 जनवरी को उनकी एक्सटेंशन का आदेश रद्द करते हुए कहा था कि उन्हें एक्ट का उल्लंघन कर सेवा विस्तार दिया गया है।
एक्सटेंशन रद्द करने का आदेश गलत
मनीषा गुलाटी ने याचिका में कहा कि जिस अथॉरिटी व एक्ट के तहत उन्हें नियुक्ति दी गई, उसी के तहत उन्हें सेवा विस्तार भी दिया जा सकता है। ऐसे में एक्सटेंशन रद्द करने का आदेश गलत बताते हुए फैसले को रद्द किए जाने की मांग की गई है।
पंजाब सरकार ने फैसला लिया था वापस
गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट को 15 फरवरी को गुलाटी को पद से हटाने का निर्णय वापस लेने की जानकारी दी थी। इस पर हाईकोर्ट द्वारा याचिका का निपटारा किया गया था, लेकिन पंजाब सरकार ने उन्हें दोबारा पद से हटाने का आदेश जारी किया। पंजाब सरकार के इस आदेश में कारण स्पष्ट नहीं होने और आदेश की वैधता को भी चुनौती दी गई है।