Punjab media news : देश में डिजिटल प्लेटफॉर्म को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की दिशा में सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. केंद्र सरकार मनमानी करते आ रही बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों पर सख्ती बरतने की तैयारी में है. सरकार के दो अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में केंद्र कानून बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है जो नियामकों को बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म के प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं को रोकने की अनुमति देगा.
इससे पहले वित्त मामलों की संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों द्वारा 10 ऐसी प्रतिस्पर्धा विरोधी प्रथाओं को चिह्नित किया था. समिति ने कहा था कि इनसे जुड़े कॉन्पटीशन लॉ में बदलाव करने की जरुरत है क्योंकि ये बिग टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म अपनी मनमानी कर रहे हैं.
यूरोपियन संघ ने लागू किए कड़े नियम
इन अधिकारियों ने कहा कि बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां अक्सर अपनी खुद की सेवाओं या अपनी सहायक कंपनियों की सेवाओं को अपने प्लेटफॉर्म पर पसंद करते हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि यूरोपीय संघ (ईयू) ने इस तरह की प्रथाओं को प्रतिबंधित करने के लिए पूर्व-विनियमन लागू किया है, और भारत सभी हितधारकों से परामर्श करने के बाद इस पर विचार कर सकता है.
यूरोप की तरह, हमारे पास भी डिजिटल मार्केट्स एक्ट (DMA) होना चाहिए, जो डिजिटल गेटकीपर के रूप में कार्य करने वाले प्रमुख ऑनलाइन प्लेटफार्मों के प्रतिस्पर्धात्मक व्यवहार को रोक देगा.” उन्होंने कहा कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) और वित्त पर संसदीय स्थायी समिति ने भी इस तरह के पूर्व विनियमन के लिए सिफारिश की है.
बिग टेक की इस तरह की अनुचित प्रथाओं को रोकने के लिए हाल ही में ईयू में डीएमए लागू किया गया था. सरकार के अधिकारी ने कहा, “सीसीआई और संसदीय पैनल दोनों का मानना है कि इससे पहले कि कुछ दबंग लोग बाजार पर एकाधिकार कर लें, प्रतिस्पर्धी-विरोधी प्रथाओं पर अंकुश लगाने की जरूरत है.”