Punjab media news : पंजाब की गोइंदवाल जेल में दो गैंगस्टरों की हत्या और उसके बाद लॉरेंस गैंग के जश्न का वीडियो सामने आने के बाद पंजाब सरकार यहां के जेल सुपरिंटेंडेंट इकबाल सिंह बराड़ समेत 7 अफसरों-कर्मचारियों पर केस दर्ज कर चुकी है। जेल सुपरिंटेंडेंट इकबाल सिंह बराड़ का ऐसे विवादों से पुराना नाता रहा है।
पांच साल पहले संगरूर जेल में कैदियों से रिश्वत मांगने संबंधी वीडियो सामने आने के बाद भी बराड़ को सस्पेंड किया गया था। उस समय बराड़ ही वहां के जेल सुपरिंटेंडेंट थे।
मामला अक्टूबर-2018 का है जब संगरूर जेल के 7 कैदियों का एक वीडियो सामने आया। इन कैदियों में हवालाती गुरप्रीत सिंह निवासी धनौला, मनदीप सिंह निवासी बुगरा, गुरप्यार सिंह निवासी उगराहां, मक्खन सिंह निवासी खीरी जट्टा, गुरविंदर सिंह निवासी तोगवाल, गुरबंत सिंह निवासी चाहर और रणजीत सिंह निवासी कौरियां शामिल थे।
इन सातों लोगों ने वीडियो में कहा कि जेल में उनसे मोबाइल फोन बरामद हुए। इनका आरोप था कि जेल सुपरिंटेंडेंट इकबाल सिंह बराड़ ने उनसे एक लाख रुपए मांगे और रकम न देने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। जब उन लोगों ने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई तो उन्हें 8X8 फीट की छोटी सी कोठरी में बंद कर दिया गया। इस कोठरी में उनकी हालत बहुत खराब है।
कैप्टन सरकार ने शुरू कराई इंक्वायरी
जिस समय इन कैदियों का वीडियो सामने आया, उस समय पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी और कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री थे। राज्य सरकार ने जेल के कुछ अफसरों के खिलाफ तत्काल एक्शन लिया और मामले की डिटेल इन्क्वायरी शुरू करवा दी। एक साल बाद, नवंबर 2019 में सरकार ने जेल सुपरिंटेंडेंट इकबाल सिंह बराड़ को भी सस्पेंड कर दिया।
दो साल बाद बहाल होकर आए गोइंदवाल
इकबाल सिंह बराड़ तकरीबन दो साल सस्पेंड रहने के बाद बहाल हो गए। दिसंबर-2021 में गोइंदवाल जेल शुरू हुई तो चरणजीत सिंह चन्नी की अगुवाई वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इकबाल सिंह बराड़ को गोइंदवाल जेल का सुपरिंटेंडेंट लगा दिया। दिसंबर 2021 से इकबाल सिंह बराड़ इसी जेल में तैनात थे।
गोइंदवाल जेल मोबाइल के लिए बदनाम
जेल में गैंगवार और उसके वीडियो सामने आने के बाद पंजाब सरकार ने बेशक यहां के जेल सुपरिंटेंडेंट और दूसरे अफसरों पर बड़ा एक्शन ले लिया हो मगर यह जेल मोबाइल फोन मिलने के मामले में बदनाम रही है। पांच महीने पहले ही इस जेल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट बलबीर सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आरोप था कि बलबीर सिंह कैदियों तक ड्रग और मोबाइल फोन पहुंचाने का गैंग चला रहा था।
बलबीर सिंह पर एक्शन के बाद भी जेल के अंदर मोबाइल फोन पहुंचने का काम चलता रहा। 26 फरवरी को हुई गैंगवार के अगले ही दिन जेल से 10 मोबाइल बरामद किए गए थे।
गैंगस्टर टीनू कर चुका कैदियों पर हमला
सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड कl मुख्य आरोपी गैंगस्टर दीपक टीनू भी गोइंदवाल जेल में ही बंद है। जनवरी 2023 में ही दीपक टीनू ने अपने साथियों के साथ मिलकर जेल के अंदर तीन कैदियों पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया था।
थाने पर RPG हमले की प्लानिंग भी इसी जेल से
दिसबंर-2022 में पंजाब के तरनतारन जिले में सरहाली थाने पर RPG रॉकेट से हमला किया गया। पुलिस ने इसे आतंकी हमला मानते हुए 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि इस अटैक की साजिश गोइंदवाल जेल में बंद अजमीत सिंह ने रची थी। उसके बाद ही अक्टूबर-2022 में पंजाब पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गोइंदवाल जेल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट बलबीर सिंह को गिरफ्तार किया।