जालंधर में कच्चे कर्मियों का गुस्सा फूटा, पढ़ें पूरी खबर

Pawan Kumar

Punjab media news : पंजाब में सर्व शिक्षा अभियान के तहत ठेके पर काम कर रहे कच्चे मुलाजिमों का गुस्सा फूट पड़ा है। कर्मचारियों ने जालंधर उपचुनाव में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि सूबे के मुख्यमंत्री हर जगह जाकर दावे कर रहे हैं कि उन्होंने 8736 कच्चे कर्मचारी पक्के कर दिए हैं, लेकिन वह एक भी पक्के कर्मचारी का नियुक्ति पत्र तो दिखाएं।

सर्व शिक्षा अभियान नॉन टीचिंग यूनियन, रमसा, टीचिंग और मिड डे मील कर्मचारी यूनियन ने सरकार के दावों की हवा निकालने के लिए और सच्चाई को लोगों के बीच लाने के लिए एक पोस्टर जारी किया है। पोस्टर में सरकार के विधायकों और मंत्रियों को ऑफर किया गया है कि रेगुलर का नियुक्ति पत्र लाओ 2100 रुपए का नगद इनाम पाओ।

झूठा प्रचार कर रही सरकार, एक भी कर्मचारी नहीं हुआ पक्का

कर्मचारी नेता अशीष जुलाहा ने कहा कि पंजाब से लेकर दिल्ली तक शोर मचाया जा रहा है कि शिक्षा विभाग में ठेके पर काम कर रहे 8736 कच्चे कर्मचारी पक्के कर दिए गए हैं, लेकिन यह सरासर कोरा झूठ है। अभी तक राज्य में एक भी कर्मचारी रेगुलर नहीं हुआ है।

पिछले साल 5 सितंबर को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घोषणा की थी कि 8736 कच्चे मुलाजिमों को पक्का कर रहे हैं। कैबिनेट में इसे पास कर दिया गया है। इसके बाद 7 अक्टूबर को रेगुलर करने के लिए शर्तें पूरी करने का नोटिफिकेशन जारी हुआ। इस साल लोहड़ी पर मुख्यमंत्री ने 6 हजार और कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का ऐलान किया।

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कर्मचारी नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके, बल्कि 21 फरवरी को एक और घोषणा कर दी कि राज्य के 14417 कच्चे कर्मचारी रेगुलर कर दिए हैं। बड़ी हैरानी की बात है कि जमीनी स्तर पर अभी कर किसी एक भी कर्मचारी को रेगुलर होने का नियुक्ति पत्र नहीं मिला है। जबकि शिक्षा विभाग के 8736 कर्मचारी तो सारी शर्तें भी पूरी कर चुके हैं।

28 हजार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का किया जा रहा प्रचार

कर्मचारी नेताओं का कहना है कि पिछली कांग्रेस की चन्री सरकार ने राज्य में 36 हजार कच्चे कर्मचारियों को पक्के करने के राज्यभर में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगा दिए थे, लेकिन दावा कोरी गप्प निकला। अब उसी नक्शे कदम पर आम आदमी पार्टी की सरकार चलते हुए 28 हजार कर्मचारियों को रेगुलर करने के दावे कर रही है।

जबकि रेगुलर का एक भी नियुक्ति पत्र अभी तक राज्य के किसी भी विभाग में किसी भी कर्मचारी को नहीं मिला है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि कर्मचारी वर्ग किसी भी राज्य में सबसे बड़ा वर्ग होता है और यही सरकारें बनाता भी है और गिराता भी है। कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी है कि उन्हें ठगने का प्रयास न करें।

सोशल मीडिया पर वायरल किया रहा है पोस्टर

कर्मचारी नेताओं ने सरकार के दावे की हवा निकालते हुए जो पोस्टर जारी किया है कि उसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल किया जा रहा है। कर्मचारियों का यह पोस्टर वायरल भी खूब हो रहा है। इनमें राज्य सरकार के मंत्रियों, विधायकों और पार्टी के पदाधिकारियों को कहा गया है कि वह सिर्फ मुख्यमंत्री से पूछकर बताएं कि रेगुलर के नियुक्ति पत्र कब दे रहे हैं।

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क्योंकि दावे तो वह पिछले सात महीने के कर रहे हैं कि उन्होंने कच्चे कर्मचारियों को रेगुलर कर दिया है। साथ ही पोस्टर में विधायकों मंत्रियों को एक सुझाव भी दिया है कि वह मुख्यमंत्री को किसी ज्योतिषी के मुहूर्त भी निकलवा कर दे सकते हैं कि इस दिन नियुक्ति पत्र दे दिए जाएं। कर्मचारियों का यह काम जो करेगा उसे 2100 रुपए नगद इनाम दिया जाएगा।

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