Punjab media news : जालंधर लोकसभा चुनाव में इस बार ईसाई समुदाय ने भी अपनी यूनाइटेड पंजाब पार्टी को चुनाव मैदान में उतारा था। पार्टी ने लुधियाना के पादरी अल्बर्ट दुआ को अपना प्रत्याशी बनाया था। शुरुआत में खूब प्रचार भी किया उनकी सुनवाई नहीं हो रही दलित भाईचारे की आवाज को बुलंद करने के लिए उन्होंने चुनाव में उतरने का फैसला लिया है।
लेकिन नामांकन प्रक्रिया के ऐन मौके पर आकर समुदाय अब सरेंडर कर गया है। पार्टी के जनरल सेक्रेटरी रोशन जोसेफ ने कहा कि उन्होंने नामांकन इसलिए नहीं भरा, क्योंकि उनकी वित्त मंत्री हरपाल चीमा से मीटिंग हो गई थी। उन्होंने उनके सामने सीएम से फोन पर उनके मसलों पर बातचीत की और कहा कि उनकी सारी समस्याएं हल कर दी जाएंगी।
रोशन जोसेफ ने कहा कि इसके बाद उन्होंने चुनाव से हटने का फैसला किया। यह फैसला सभी ने आपस में बैठक करने के बाद सर्वसम्मति से लिया है। उन्होंने कहा कि ईसाई भाईचारे ने सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी के समर्थन में चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है और चुनाव में समुदाय की पार्टी आदमी पार्टी को समर्थन करेगी।
बिना किसी दबाब के लिया फैसला
पार्टी के मुखिया से यह पूछे जाने पर कि उन्होंने पहले खूब प्रचार किया था बाद में ऐन मौके पर आकर चुनाव लड़ने से ही मना कर दिया। क्या उन पर किसी की दबाब था? इस पर उन्होंने कहा कि उन पर किसी का कोई दबाब नहीं था। उन्होंने सर्वसम्मति से फैसला लिया। उन्हें दलितों गरीबों की समस्याएं हल होने से मतलब है, जिसका वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया है।