Punjab media news : जालंधर लोकसभा उपचुनाव में विधानसभा सीटों का गणित कांग्रेस के पक्ष में नजर आ रहा है। लोकसभा सीट के अधीन कुल 9 विस सीटें हैं। जिनमें से 5 कांग्रेस और 4 पर AAP के विधायक हैं। खास बात ये है कि इनमें सबसे ज्यादा वोट फिल्लौर विधानसभा सीट पर हैं।
यह सीट कांग्रेस कैंडिडेट कर्मजीत कौर चौधरी परिवार का गढ़ है। इस वक्त यहां से विधायक भी चौधरी के बेटे विक्रमजीत हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी के लिए ये सीट बड़ी चुनौती बन सकती है। फिल्लौर विधानसभा क्षेत्र में 200,018 मतदाता हैं।
सांसद संतोख चौधरी की परंपरागत सीट रही है फिल्लौर
जालंधर में सबसे ज्यादा मतों वाली फिल्लौर विधानसभा सीट जिस पर अब मरहूम सांसद का बेटा विक्रमजीत सिंह चौधरी काबिज है, यह सीट संतोख चौधरी की परंपरागत सीट रही है। पूर्व मंत्री मास्टर गुरबंता सिंह के पुत्र संतोख चौधरी ने फिल्लौर से ही 1992 में विधायक बनकर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था।
फिल्लौर पर थी सभी राजनीतिक दलों की नजर
इस बार फिल्लौर विधानसभा क्षेत्र जो कि चौधरी परिवार का गढ़ माना जाता है, इसे लोकसभा चुनाव में भेदने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने जमकर जोर लगाया। सूबे के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने रोड शो की शुरुआत ही फिल्लौर से की थी। इसके बाद दोबारा फिर आप कनवीनर अरविंद केजरीवाल को साथ लेकर फिल्लौर में रोड शो निकाला।
शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन ने चौधरी परिवार के गढ़ को भेदने के लिए अपनी पहली रैली फिल्लौर में की। जिसमें सुखबीर बादल और बसपा के नेताओं ने दावा किया था कि इस किले को भेद लिया जाएगा। भाजपा ने भी पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पहली रैली फिल्लौर में करवाई थी।
जहां से सफर शुरू किया वहीं पर खत्म
सांसद संतोख चौधरी ने फिल्लौर से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था, वहीं पर उनका जिंदगी का सफर खत्म हुआ। फिल्लौर से राजनीतिक के अर्श तक पहुंचे और अंत में अंतिम सांस भी इसी साल 14 जनवरी को 76 साल के सांसद चौधरी ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान फिल्लौर में ही ली थी।