केदारनाथ धाम में भारी बर्फबारी के कारण रजिस्ट्रेशन बंद

Pawan Kumar

Punjab media news : उत्तराखंड चार धाम यात्रा (Chardham Yatra 2023) की शुरुआत शनिवार 22 अप्रैल से शुरू हो गयी है. कल यानि 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुल जाएंगे. वहीं केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले शनिवार और रविवार को वहां भारी बर्फबारी हुई. बर्फबारी होने के बाद सरकार की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गयी है. मौसम विभाग के अनुसार 29 अप्रैल तक बारिश और बर्फबारी का अनुमान है.

उत्तराखंड सीएम पुष्कर धामी ने भी यात्रियों से अपील की है कि मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुये अपनी यात्रा की शुरुआत करें. बर्फबारी होने के बाद जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से मौसम के अनुसार यात्रा करने की अपील की है. जिला प्रशासन की टीम की ओर से कहा गया है कि श्रद्धालु मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए यात्रा की तैयारी करें. खराब मौसम को देखते हुए गढ़वाल कमिश्नर ने केदारनाथ के रजिट्रेशन पर रोक लगाई है. मौसम की स्थिति स्पष्ट होने के बाद फिर से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा. बता दें, सनातन धर्म में चार धाम यात्रा का विशेष महत्व है. ऐसे में हर साल हजारों की संख्या में केदारनाथ धाम पहुंचते हैं.

दरअसल पिछले कुछ दिनों से केदारनाथ धाम में लगातार बर्फबारी हो रही है. ऐसे में बर्फबारी के चलते धाम में प्रशासन की ओर से उचित व्यवस्था नहीं हो पायी है. बता दें, केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार को सुबह 6:25 बजे खुलने वाले हैं. बता दें, शनिवार 22 अप्रैल को यमुनोत्री व गंगोत्री के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा प्रारंभ हो गयी. शीत ऋतु में गंगोत्री (Gangotri Dham) और यमनोत्री धाम (Yamunotri Dham) के कपाट खुलने के बाद 25 अप्रैल को (Kedarnath Dham) और 27 अप्रैल को बद्रीनाथ (Badrinath Dham) के कपाट भी खोल दिए जाएंगे और दर्शन शुरू होंगे.

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उत्तराखंड के चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री हर साल शीत ऋतु में 6 महीने के लिए बंद कर दिए जाते हैं. भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि शीतकालीन प्रवास मुखवा से 21 अप्रैल 2023 को मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई थी. 22 अप्रैल 2023 को गंगोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:35 पर खुल चुके हैं. बता दें कि गंगोत्री धाम पट खोलने से पहले सहस्त्रनाम गंगा लहरी का पाठ किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि गंगोत्री में स्थित गौरीकुंड में माता पार्वती खुद भगवान शिव की परिक्रमा करती हैं.

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